कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज कांगड़ा जिले के ढगवार में महत्वाकांक्षी दुग्ध संयंत्र परियोजना के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट हिमाचल में नई तकनीक से निर्मित होने वाला अनूठा दुग्ध संयंत्र होगा।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में यहां 1.5 लाख लीटर दूध की खपत होगी। दूसरे चरण में खपत बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन की जाएगी। साथ ही प्लांट में दूध से बने उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं के लिए 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्की के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने भैंस के दूध की खरीद कीमत 55 रुपये प्रति लीटर और गाय के दूध की खरीद कीमत 45 रुपये प्रति लीटर कर दी है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों के लिए 500 करोड़ रुपये की दूध गंगा योजना शुरू की गई है, जिसके तहत गांवों में दूध एकत्र किया जाएगा और क्लस्टर स्तर पर चिलिंग पॉइंट तक पहुंचाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि हिम उन्नति योजना भी आरम्भ की गई है, जिसके तहत क्षेत्र विशेष की क्षमता के अनुसार दूध, दालें, सब्जियां, फल, फूल तथा नकदी फसलों के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे, ताकि किसानों को अपने उत्पादों के विपणन की उचित व्यवस्था हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा कर रही है और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।