राज्य में कृषि योजनाओं/कार्यक्रमों की कुशलता बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने मंगलवार को सभी मुख्य कृषि अधिकारियों (सीएओ) को हर दो सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी चल रही केन्द्र और राज्य प्रायोजित कृषि योजनाओं की बारीकी से निगरानी और मूल्यांकन किया जाए, जिससे समय पर हस्तक्षेप और सुधार हो सके।
यहां किसान भवन में मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिलसिलेवार बैठकों की अध्यक्षता करते हुए सरदार गुरमीत सिंह खुडियां ने कल सात जिलों में चल रही योजनाओं और परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की तथा शेष जिला अधिकारियों को आज अपने-अपने जिलों की प्रगति की समीक्षा के लिए बुलाया गया।
उन्होंने फील्ड स्टाफ से राज्य के किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट सुनिश्चित करने के लिए बीज, कीटनाशकों और उर्वरकों के नमूने लेने के लक्ष्य को पूरा करने को कहा।
उन्होंने विभाग के भीतर चुनौतियों और सफलताओं की पहचान करने में नियमित रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया। द्विसाप्ताहिक रिपोर्टिंग प्रणाली को लागू करके, राज्य सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना चाहती है, जिससे अंततः उत्पादकता में सुधार होगा और राज्य भर में किसानों को बेहतर समर्थन मिलेगा।
विभाग द्वारा शुरू किए गए गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत, सरदार गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि बीज, कीटनाशक और उर्वरकों के नमूने लेने का लक्ष्य क्रमशः 6100, 4800 और 3700 निर्धारित किया गया है।
इनमें से अब तक बीजों के 5082, कीटनाशकों के 2867 तथा उर्वरकों के 2473 नमूने गुणवत्ता परीक्षण में असफल पाए गए। उन्होंने बताया कि बीजों के 141 नमूने गुणवत्ता परीक्षण में असफल पाए गए, कीटनाशकों के 81 नमूने मिथ्या ब्रांड वाले तथा उर्वरकों के 78 नमूने घटिया स्तर के पाए गए।
विभाग ने उन डीलरों/फर्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनके नमूने नमूना लेने के दौरान गुणवत्ता मानदंडों पर खरे नहीं उतरे।
केन्द्र एवं राज्य प्रायोजित कृषि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने मुख्य लेखा अधिकारियों से कहा कि वे धनराशि का सावधानीपूर्वक उपयोग करें तथा इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व सक्षम प्राधिकारियों को उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें।