शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने माना है कि सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन निजी स्कूलों के मुकाबले अच्छा नहीं है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वह शुक्रवार को कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल का भूमि पूजन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नगरोटा बगवां के विधायक एवं हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष रघुवीर बाली भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरा है, इसी संदर्भ में सरकार ने पहाड़ी राज्य में विभिन्न स्थानों पर राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल बनाने का फैसला किया है। ये स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की खाई को पाटेंगे।
मंत्री ने कहा कि इन स्कूलों का निर्माण आधुनिक सुविधाओं, खेल के मैदानों, प्रयोगशालाओं आदि से युक्त उत्कृष्ट भवन के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा, “इन स्कूलों के निर्माण का मुख्य उद्देश्य निजी स्कूलों की तुलना में अधिक छात्रों को आकर्षित करना और निजी स्कूलों की तुलना में बेहतर शिक्षा प्रदान करना है।”
ठाकुर ने कहा, ”हमने नगरोटा बगवां में इस स्कूल के लिए पहले ही 2.50 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं, जिसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा।” मंत्री ने कहा कि इस स्कूल के निर्माण पर कुल 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा गुरुवार को घोषित कक्षा 10 के नतीजों में निजी स्कूलों के 97 छात्रों ने मेरिट सूची में पहले 10 स्थान प्राप्त किए हैं। सरकारी स्कूलों के केवल 20 छात्र ही पहले 10 स्थानों पर आ पाए हैं। निजी और सरकारी स्कूलों के बीच शिक्षा के मानकों के मामले में यह बहुत बड़ा अंतर है, जिसे आज खुद शिक्षा मंत्री ने सार्वजनिक संबोधन में स्वीकार किया।
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