पटना, 18 जनवरी । बिहार पुलिस के लिए नाबालिग बच्चे की गुमशुदगी के मामलों की जांच अब सर्वोच्च प्राथमिकता सूची में होंगे। इसके लिए नए गाइडलाइन बनाए गए हैं।
दरअसल, पटना उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान नाबालिग बच्चों या बच्चियों के गायब होने के बाद जल्द बरामदगी के लिए डीजीपी को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने के आदेश दिए थे।
प्रदेश में अब थानों में गुमशुदगी की शिकायत आते ही पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी होगी। बताया जाता है कि नाबालिग के गायब होने की जानकारी मिलते ही इसकी सूचना डायल-112 से लेकर सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों को भेजी जाएगी।
इसके अलावा इसकी सूचना पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी देनी होगी। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को नए सिरे से दिशानिर्देश जारी किए हैं। पीड़ित परिवार को गुमशुदा बालक-बालिका का हाल में लिया गया एक साफ सुथरा फोटो सहित उसके अन्य विवरणों जैसे गुमशुदा की आयु, शारीरिक कद-काठी, रंग, पहचान, भाषा का ज्ञान, कोई विशेष चिह्न आदि भी बताने होंगे।
इसके लिए राज्य के सभी जिलों में थाना के पदाधिकारियों और कर्मियों को शपथ दिलाई जा रही है। बताया जाता है कि शपथ दिलाने का उद्देश्य ऐसे मामलों में पुलिसकर्मियों को प्रेरित करना, उनका मनोबल बढ़ाना तथा संवेदनशील बनाना है।