June 4, 2025
Entertainment

मीठी नदी सफाई घोटाला : आदित्य ठाकरे बोले- एकनाथ शिंदे को बुलाकर जांच करने की हिम्मत है?

Mithi river cleaning scam: Aditya Thackeray said- Do you have the courage to call Eknath Shinde and investigate?

मीठी नदी की सफाई के नाम पर हुए घोटाले को लेकर हाल ही में अभिनेता डिनो मोरिया जांच अधिकारियों, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के सामने पेश हुए, जहां उनसे पूछताछ की गई। स्कैम को लेकर शिवसेना यूबीटी नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने कहा कि क्या एकनाथ शिंदे को बुलाकर जांच करने की हिम्मत है?

आदित्य ठाकरे ने कहा कि मीठी नदी सफाई घोटाले मामले में जांच हो रही है, क्या एकनाथ शिंदे को बुलाकर जांच करने की हिम्मत है?

एक सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा, “जिन्होंने इस टेंडर को पास किया, सवाल उनसे करना चाहिए। कोई भी चीज बिना जांच-पड़ताल के नहीं होती है। ये तो उनकी गलती थी कि करोड़ों रुपए के टेंडर को कैसे पास कर दिया गया।

टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, “करोड़ों रुपए के इस बड़े टेंडर को सिर्फ 20 दिनों की छोटी नोटिस पर जारी किया गया। आमतौर पर इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए 60 दिन या उससे ज्यादा समय दिया जाता है, ताकि सभी कंपनियां ठीक से बोली लगा सकें। छोटी नोटिस केवल इमरजेंसी कामों के लिए होती है, लेकिन यह प्रोजेक्ट इमरजेंसी में जारी करने वाला नहीं था।”

उन्होंने आगे कहा, जिस कंपनी को यह टेंडर मिला, उसने बैंक गारंटी विदेशी बैंक से दी थी, जो भारतीय रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त नहीं थी। यह नियमों के खिलाफ है। जब इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी गई, तो कोर्ट ने भी इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए और बैंक गारंटी को रद्द कर दिया। एमएमआरडीए ने बाद में कहा कि वे 20 दिन की जगह 60 दिनों की प्रक्रिया अपनाएंगे, जिससे यह साबित होता है कि शुरुआती प्रक्रिया में कुछ तो गड़बड़ी थी।

आदित्य ठाकरे ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि “सत्यमेव जयते” है। कोर्ट ने टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दिया, जो उनके अनुसार भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐसे कामों पर रोक लगना जरूरी है।

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, “एकनाथ शिंदे से मेरी विनती है कि जिन्होंने भी भ्रष्टाचार किए, उन पर कार्रवाई करें और उनसे पूछताछ की जाए कि यह क्या है? महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जितने भी बड़े प्रोजेक्ट हुए, उनमें या तो कॉन्ट्रैक्टर बदले गए, लागत बढ़ाई गई या काम की गुणवत्ता खराब रही। मेरी बस यही मांग है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को पद से हटाया जाए और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) या आयकर विभाग जांच करे।”

कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने तत्कालीन शिंदे सरकार से सवाल भी किया और पूछा, “इन टेंडरों से शिंदे को क्या फायदा मिला? भ्रष्टाचार कैसे हुआ, इसकी भी जांच हो।”

आदित्य ठाकरे ने किसी कंपनी का नाम लेने से इनकार किया। उनका कहना है कि वे कॉन्ट्रैक्टर पर नहीं, बल्कि इसके पीछे की राजनीतिक ताकत पर सवाल उठा रहे हैं। वे चाहते हैं कि इसकी पूरी जांच हो।

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