मुंबई, 2 अक्टूबर । महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए राज्य की सभी 48 सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने यहां सोमवार को यह जानकारी दी।
वरिष्ठ नेता नितिन सरदेसाई ने कहा कि यह निर्णय सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा शीर्ष पदाधिकारियों के साथ सभी संसदीय क्षेत्रों की समीक्षा बैठक के बाद आया।
हालांकि, पार्टी ने भविष्य में किसी भी गठबंधन या समूह में शामिल होने से संबंधित निर्णय लेने के लिए शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे को भी अधिकृत किया।
यह कदम उन प्रमुख नेताओं की रिपोर्ट के बाद आया है, जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया है और स्थानीय इकाइयों, कार्यकर्ताओं, नेताओं व आम लोगों से मुलाकात की है।
सरदेसाई ने कहा, कुछ महत्वपूर्ण सीटों की निर्वाचन क्षेत्र-वार समीक्षा बैठकों में उपलब्ध फीडबैक से संकेत मिलता है कि 2006 में स्थापित मनसे की ताकत बढ़ी है।
अन्य नेताओं ने बताया कि मनसे मानसिक रूप से लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी कर रही है और सोमवार के विचार-विमर्श के बाद पार्टी उस संभावना के करीब पहुंच गई है।
एक अन्य नेता ने दावा किया कि राज्य के लोग राज ठाकरे को अगले सीएम के रूप में देख रहे हैं और पार्टी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अपना आधार मजबूत करने का हरसंभव प्रयास करेगी।
पिछले कुछ वर्षों से मनसे के राजनीतिक रुख पर सस्पेंस था, क्योंकि राज ठाकरे को सत्तारूढ़ शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और अन्य नेताओं के साथ मेलजोल के रूप में देखा जाता था।
दरअसल, पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और विभिन्न दलों के अन्य नेता गणेशोत्सव उत्सव के दौरान भगवान गणेश के दर्शन के लिए राज ठाकरे के घर गए थे।