हरियाणा के मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि मत्स्य पालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने तीन मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशालाएं शुरू करने का निर्णय लिया है।
यह प्रयोगशाला एक वैन में होगी और किसानों के पास जाकर उनके तालाबों के पानी और मिट्टी की गुणवत्ता का परीक्षण करेगी।
राणा ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में कुछ स्थानों पर खारे पानी के कारण वहां खेती करना कठिन हो गया है, जिसके कारण किसानों के लिए अपनी जमीन से उपज प्राप्त करना असंभव हो गया है।
इस समस्या को देखते हुए किसानों को खारे पानी में झींगा पालने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे न केवल उनकी जमीन का सदुपयोग होगा, बल्कि झींगा पालन से उन्हें अच्छी आय भी होगी।
उन्होंने कहा कि मछली पालन के लिए भी किसानों को वित्तीय सहायता दी जा रही है। वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजना के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों को अकेले मछली पालन के लिए 254.29 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। वर्ष 2024-25 के दौरान समूह दुर्घटना बीमा योजना के तहत लगभग 1750 झींगा/मछली पालकों का भी बीमा किया गया है।
मत्स्य पालन मंत्री ने आगे बताया कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा लगभग 5567 मछली/झींगा किसानों का डेटा राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
उन्होंने बताया कि तीन मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से किसानों के तालाबों पर जाकर मिट्टी और पानी की जांच की जाएगी। इन वैन को खरीदने की मंजूरी मुख्यमंत्री से मिल गई है और इन्हें खरीदने के बाद जल्द ही पानी और मिट्टी की जांच का काम शुरू कर दिया जाएगा।
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