December 14, 2024
Entertainment

पत्रकार पर हुए हमले को लेकर मोहन बाबू ने मांगी माफी, बोले- ‘मुझे खेद है’

Mohan Babu apologized for the attack on the journalist, said- ‘I am sorry’

हैदराबाद, 14 दिसंबर । पारिवारिक विवाद के बीच आवास पर पत्रकार पर हुए हमले को लेकर टॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मांचू मोहन बाबू ने शुक्रवार को टीवी पत्रकार से माफी मांगी।

जानकारी के अनुसार अभिनेता ने तेलुगू समाचार चैनल टीवी9 के रिपोर्टर का माइक छीनकर उस पर हमला किया था। इसी घटना को लेकर उन्होंने पत्रकार और संगठन से माफी मांगी। अभिनेता ने घटना पर खेद व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लेटर पोस्ट किया।

अपने अभिनेता बेटे मांचू मनोज के साथ पारिवारिक विवाद में फंसे मोहन बाबू ने लिखा, “मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ कि पारिवारिक विवाद एक ऐसी स्थिति में बदल गया, जिससे न केवल प्रतिष्ठित टीवी9 को बल्कि पूरी पत्रकार बिरादरी को भी परेशानी हुई।”

पूर्व सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि वह 48 घंटे से सेहत संबंधी दिक्कतों के चलते अस्पताल में भर्ती थे और तुरंत प्रतिक्रिया देने में असमर्थ थे। उन्हें गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिली।

वरिष्ठ अभिनेता ने 10 दिसंबर की रात को जलपल्ली में अपने घर पर हुई घटना के बारे में भी बताया।

उन्होंने लिखा, “जब मेरा गेट तोड़ा गया और 30-50 असामाजिक तत्व जबरन मेरे घर में घुस आए और वहां मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो मैं अपना संयम खो बैठा। इस अराजकता के बीच मीडिया इस स्थिति में उलझ गई। जब मैंने स्थिति को संभालने की कोशिश की, तो दुर्भाग्य से पत्रकार रंजीत को चोट लग गई। यह बेहद अफसोसजनक था और मुझे उनके, उनके परिवार और टीवी9 को हुई पीड़ा और असुविधा के लिए खेद है।”

” रंजीत और पूरे टीवी9 परिवार से, मैं अपने कार्यों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

मोहन बाबू को उनके घर पर हुई झड़प के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें उच्च रक्तचाप और चिंता की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।

पुलिस द्वारा हत्या के प्रयास के आरोप में मोहन बाबू पर मामला दर्ज किया गया।

राचकोंडा पुलिस आयुक्त सुधीर बाबू ने मोहन बाबू और उनके अभिनेता बेटों मंचू विष्णु और मंचू मनोज को उनके खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में बुधवार को तलब किया। मोहन बाबू ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें 24 दिसंबर तक छूट दी।

विष्णु और मनोज दोनों आयुक्त के समक्ष पेश हुए थे और दोनों ने यह बात मानी कि वे ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे और परेशानी बढ़े।

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