N1Live Haryana हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, विपक्ष सरकार को घेरने को तैयार
Haryana

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, विपक्ष सरकार को घेरने को तैयार

Monsoon session of Haryana Assembly begins, opposition ready to corner the government

कल से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों में बढ़ी हुई कलेक्टर दरें, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, विभिन्न शहरों में जलभराव, फसलों को नुकसान और गुरुग्राम में मानसून की तबाही शामिल हैं। विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की भी मांग करेगा।

सत्तारूढ़ भाजपा जहां विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष को ‘‘करारा जवाब’’ देने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार’’ होने का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस और इनेलो ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव के जरिए इन मुद्दों को उठाने की तैयारी में हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “हमने राज्य में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्थगन प्रस्ताव दिया है, जबकि कई सदस्यों ने जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है।” उन्होंने कहा कि कल सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक होने की संभावना है।

पार्टी के पूर्व उपनेता आफताब अहमद ने कहा कि पार्टी ने चावल शेलर कंपनियों के मध्य प्रदेश में स्थानांतरित होने, आयुष्मान योजना के तहत चिकित्सा सुविधाओं के निलंबन से आम आदमी को हो रही परेशानी, अवैध खनन, कर्मचारियों की चिंता, बेरोजगारी और नशीली दवाओं के खतरे पर लगभग 15 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं।

अहमद ने कहा, “हम सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने का भी अनुरोध करेंगे। कार्यक्रम के अनुसार, सरकार तीन दिवसीय सत्र आयोजित करने की संभावना है। हालाँकि, हम कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में छोटी अवधि का मुद्दा उठाएँगे।”

इनेलो ने बिगड़ती कानून व्यवस्था, अत्यधिक बारिश के कारण जलभराव से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे, वायरस के हमले से फसलों को हुए नुकसान, बिजली दरों में अत्यधिक वृद्धि और आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाज की कमी पर सरकार से सवाल पूछने के लिए 10 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि सरकार अपने जवाबों के साथ तैयार है। उन्होंने कहा, “सच कहूँ तो विपक्ष के पास कहने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है। वे अधूरी जानकारी लेकर आते हैं और उन मुद्दों पर बात करते हैं जो वे पहले ही बाहर उठा चुके हैं। सरकार उनके आरोपों का जवाब आँकड़ों से देती है, जिसके बाद उनकी दलीलें धरी की धरी रह जाती हैं। हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और विपक्ष जो भी जानकारी चाहेगा, हम उसे दे देंगे।”

Exit mobile version