आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को बड़ा झटका देते हुए, हरियाणा भर में 600 से अधिक आयुष पैनलबद्ध अस्पतालों ने अपर्याप्त और विलंबित भुगतान तथा अन्य मुद्दों का हवाला देते हुए कार्ड धारकों के लिए उपचार सुविधाएं वापस ले ली हैं।
आईएमए हरियाणा ने पिछले महीने राज्य सरकार को नोटिस दिया था। आईएमए हरियाणा, स्वास्थ्य सचिव और आयुष्मान भारत के अधिकारियों के बीच बुधवार को एक बैठक हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. एमपी जैन ने बताया कि परिणामस्वरूप, आईएमए हरियाणा ने अपनी सेवाएँ वापस ले ली हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को चलाने के लिए सरकार के पास उचित और पर्याप्त बजटीय प्रावधान नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि 15 जुलाई तक 600 से ज़्यादा निजी अस्पतालों का लगभग 500 करोड़ रुपये का बकाया सरकार पर बकाया था। पिछले तीन दिनों में केवल 30 करोड़ रुपये ही वितरित किए गए हैं। बैठक में मौजूद अधिकारियों के अनुसार, यह राशि अपर्याप्त है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “ऐसी स्थिति में निजी डॉक्टर अपना खर्च नहीं उठा पा रहे हैं।”
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “राज्य सरकार को काफी पहले ही नोटिस दे दिया गया था, लेकिन उसने इस मुद्दे को सुलझाने का कोई इरादा नहीं दिखाया।”
करनाल में, लगभग 40 करोड़ रुपये अभी भी सरकार के पास बकाया हैं। निजी डॉक्टरों ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की। आईएमए करनाल के अध्यक्ष डॉ. दीपक प्रकाश, डॉ. रजत मिमानी, डॉ. गौरव भास्कर, डॉ. विभव, डॉ. गौरव सचदेवा और अन्य ने इस महत्वाकांक्षी योजना को सुचारू बनाने के लिए यह मुद्दा उठाया।
डॉ. प्रकाश ने कहा कि न केवल भुगतान में देरी हुई है, बल्कि वे पोर्टल मुद्दे सहित पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना चाहते हैं, जिसे फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था। उन्होंने राज्य के अधिकारियों के साथ कठिन संचार के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला।
डॉ. मिमानी ने कहा कि मरीज़ों को छुट्टी देने के बाद अतार्किक कटौती और अस्वीकृति से अस्पताल को भारी आर्थिक नुकसान होता है। मिमानी ने कहा, “इस प्रथा पर रोक लगनी चाहिए, जिससे आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने के बाद भी निजी अस्पतालों को सिर्फ़ परेशान किया जाता है।”
Leave feedback about this