महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने सोमवार को डिजिटल युग में पीआर के उभरते परिदृश्य पर गहन विचार-विमर्श के साथ राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाया। कार्यक्रम का विषय था “विश्वास, पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी: जनसंपर्क का नया युग”।
विभागाध्यक्ष हरीश कुमार ने डिजिटल युग में पीआर की उभरती भूमिका पर जोर दिया, तथा विश्वास, पारदर्शिता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग के महत्व पर बल दिया।
कुमार ने कहा, “पीआर पेशेवर कथाएं गढ़ते हैं, पारदर्शिता बनाए रखते हैं और संगठन के मूल्यों और सार्वजनिक छवि के बीच तालमेल सुनिश्चित करते हैं। छवि और प्रतिष्ठा बनाने के लिए हर विभाग और संस्थान में पीआर की जरूरत होती है।”
उप निदेशक (जनसंपर्क) डॉ. नवीन कुमार ने संकटों के प्रबंधन और गलत सूचना से निपटने में जनसंपर्क की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने संचार रणनीतियों में एआई उपकरणों के प्रति निष्ठा और नैतिक उपयोग के महत्व पर जोर दिया। वरिष्ठ पीआर पेशेवर और विभाग के पूर्व छात्र डॉ. योगेश कुमार ने क्षेत्र में कार्य-जीवन संतुलन के महत्व पर बात की और पीआर टीमों के भीतर स्पष्ट रूप से परिभाषित भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की वकालत की। कार्यक्रम के शैक्षणिक खंड में शोध विद्वान कुलदीप कुमार द्वारा एक प्रस्तुति शामिल थी, जिन्होंने सरकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में पीआर के ऐतिहासिक विकास का पता लगाया। उन्होंने स्थायी संबंध बनाने में सत्य के स्थायी महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा प्रिया ने किया, जिन्होंने जनसंपर्क की मूल बातों पर गहनता से प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्य, छात्र, शोध छात्र और विभाग के पूर्व छात्र एवं पत्रकार रोहित डागर शामिल हुए।
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