August 20, 2025
National

आपराधिक छवि वालों को संवैधानिक पद से हटाने वाले बिल को एनडीए नेताओं ने बताया स्वागतयोग्य कदम

NDA leaders called the bill to remove people with criminal background from constitutional posts a welcome step

केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में बुधवार को तीन बिल पेश किए। इसमें से एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों की गिरफ्तारी से जुड़ा है। इसके प्रावधानों के अंतर्गत संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति एक महीने तक जेल में रहता है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता इस बिल का स्वागत कर रहे हैं।

जनता दल (यूनाइटेड) से सांसद संजय कुमार झा ने इस बिल का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जिन लोगों ने संविधान बनाया है, उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा कि ऐसा एक दिन आएगा, जब मुख्यमंत्री जेल जाएगा और तिहाड़ से जाकर शासन चलाएगा। लेकिन ऐसे नेता आए, जिन्हें कोर्ट ने जेल भेज दिया, और उसके बावजूद वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। ऐसे में सरकार का यह बिल एक स्वागतयोग्य कदम है।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को कोर्ट ने जेल भेजा। अगर विपक्ष को चुनाव आयोग के बाद न्यायिक प्रणाली पर भी भरोसा नहीं है, तो क्या कहा जा सकता है? जेल सरकार नहीं, बल्कि कोर्ट भेजती है। हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं कि वो ऐसे बिल लेकर आ रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा राजनीति से जुड़े लोगों पर बढ़ेगा।”

भाजपा विधायक हरीश खुराना ने कहा, “हमारा भारत भ्रष्टाचार से मुक्त होना चाहिए, और प्रधानमंत्री इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और दृढ़ हैं। संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं सोचा था कि कोई व्यक्ति इस्तीफा दिए बिना जेल से शासन करेगा।”

भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा, “भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म होना चाहिए और प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति रखते हैं।”

बता दें कि बुधवार को सरकार ने संसद में तीन अहम बिल पेश किए। इसमें एक बिल गंभीर आपराधिक मामले वाले राजनेताओं को उनके संवैधानिक पद से हटाए जाने से संबंधित है। दूसरा गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 और तीसरा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है।

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