हिमालयन फाउंडेशन नामक एक गैर सरकारी संगठन ने अपने ‘बच्चा बचाओ जागरूकता अभियान’ के तहत शिमला के पास त्रिमठ के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस सत्र में बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए अच्छे और बुरे स्पर्श की अवधारणा के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला के दौरान स्कूल के प्रधानाध्यापक रविन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों से किसी भी असहज अनुभव के बारे में खुलकर बोलने का आग्रह किया तथा उन्हें मदद के लिए अपने माता-पिता, निकट संबंधियों या स्कूल शिक्षकों से बात करने की सलाह दी।
शिक्षाविद् सोनिया ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत अच्छे और बुरे स्पर्श की अवधारणा को समझाया। उन्होंने बच्चों को बताया कि 2012 में लागू किया गया POCSO अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा प्रदान करता है, चाहे उनका लिंग कुछ भी हो। सोनिया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कानून यौन उत्पीड़न और उत्पीड़न के लिए दंड का प्रावधान करता है और पीड़ितों को त्वरित न्याय के लिए विशेष अदालतों सहित सहायता सेवाएँ प्रदान करता है।
हिमालयन फाउंडेशन के अध्यक्ष रघुबीर सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि फाउंडेशन के अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को यौन शोषण के बारे में शिक्षित करके उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाना है। सिंह ने किशोर न्याय देखभाल और बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2000 के तहत जिला स्तर पर किशोर न्याय बोर्ड के गठन का भी उल्लेख किया, जो कानूनी समस्याओं का सामना करने वाले बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए काम करता है।
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