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एनजीटी ने सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के निर्माण के दौरान सतलुज नदी में ‘मलबा डंपिंग’ पर संज्ञान लिया

NGT takes cognizance of 'debris dumping' in Sutlej river during the construction of Sunni Dam Hydroelectric Project

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शिमला ज़िले की सुन्नी तहसील में सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए विस्फोट गतिविधियों के दौरान सतलुज नदी में अवैध रूप से मलबा डालने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत का संज्ञान लिया है। यह मामला महेंद्र वर्मा द्वारा दायर एक पत्र याचिका के माध्यम से प्रकाश में आया, जिसके बाद अधिकरण ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की।

न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की पीठ ने मामले की सुनवाई 18 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध की है। न्यायाधिकरण ने कहा कि आवेदक ने पर्यावरण संबंधी गंभीर चिंताएं तो जताईं, लेकिन उसने कोई साक्ष्य नहीं दिया और न ही अदालत में पेश हुआ।

एनजीटी ने निर्देश दिया है कि वर्मा को अगली सुनवाई की सूचना दी जाए और अपने दावों के समर्थन में प्रासंगिक सामग्री उपलब्ध कराने को कहा जाए। वह निर्धारित तिथि पर कार्यवाही में प्रत्यक्ष रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले सकते हैं।

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