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रावी नदी पर पुल नहीं, गुरदासपुर के गांव महीनों से कटे हुए हैं

No bridge over the Ravi River, Gurdaspur villages remain cut off for months

उस-पार’ गांव की एक विधवा ने उस समय सबको चौंका दिया जब उसने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बताया कि उसके पति की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई, क्योंकि उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया जा सका, क्योंकि उस क्षेत्र में नदी पर कंक्रीट का पुल नहीं था।

‘उस-पार’ रावी नदी के उस पार बसे सात गाँवों के समूह को कहते हैं। यह इलाका पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है। जब भरियाल गांव की कौशल्या देवी ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई तो राहुल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह मामले की जांच करेंगे।

उन्होंने प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए दीनानगर की विधायक अरुणा चौधरी का रुख किया। जैसे ही कांग्रेसियों ने अपने बॉस को पुल की इस गड़बड़ी की असली सच्चाई बताई, लालफीताशाही, नौकरशाही की जड़ता और पक्षपातपूर्ण राजनीति की कहानियाँ अनायास ही सामने आ गईं। देवी अपनी इस पीड़ा की कहानी कहने वाली अकेली नहीं हैं। लगभग 3,500 गाँववासी विभिन्न समस्याओं का सामना करते हैं क्योंकि वे हर साल लगभग चार महीने भारत से कटे रहते हैं।

100.48 करोड़ रुपये की लागत से 800 मीटर लंबा कंक्रीट पुल अप्रैल 2002 में ही बनाने का प्रस्ताव किया गया था।

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