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वंतारा बना दुनिया में पशु संरक्षण का नया मानक, एसआईटी रिपोर्ट में इन बातों का जिक्र

Vantara has become a new standard for animal protection in the world, the SIT report mentions these things

गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा वन्यजीव केंद्र पर कथित खामियों के आरोपों को सर्वोच्च अदालत से क्लीन चिट मिल गई है। वंतारा ने साबित किया है कि यह दुनिया के प्रमुख पशु संरक्षण केंद्रों में से एक है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि वंतारा के कामकाज न केवल भारतीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी मेल खाते हैं।

दरअसल, आज के समय में जानवरों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा पर दुनिया भर में ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे समय में वंतारा जैसी पहल भारत को वैश्विक स्तर पर एक सकारात्मक उदाहरण पेश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी हालिया एसआईटी रिपोर्ट में वंतारा के मॉडल को नैतिक, पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीकों से पशु संरक्षण का नया मानक बताया गया है।

पशु कल्याण के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के जज पंकज मित्तल और जज पीबी वराले ने एसआईटी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि वंतारा में पशुओं की मृत्यु दर अंतरराष्ट्रीय औसत के अनुरूप है और यहां की देखभाल व प्रबंधन पद्धतियां अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि ग्लोबल ह्यूमन जैसी स्वतंत्र संस्थाओं ने साइट निरीक्षण और ऑडिट के बाद वंतारा को ग्लोबल ह्यूमन सर्टिफाइड सील ऑफ अप्रूवल प्रदान किया है। यह मान्यता वंतारा के पशु कल्याण और संरक्षण के उच्च मानकों को स्वतंत्र रूप से प्रमाणित करती है।

अनंत अंबानी के नेतृत्व में वंतारा ने सहानुभूति और विज्ञान पर आधारित पशु देखभाल का एक उदाहरण स्थापित किया है। अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय, विशेष आहार योजनाएं और प्राकृतिक आवास तैयार करके यहां न केवल जानवरों की जीवन रक्षा की जाती है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाता है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वंतारा का दृष्टिकोण प्रत्येक जानवर के समग्र विकास और भलाई पर केंद्रित है।

पिछले सप्ताह उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रघुवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी अनीश गुप्ता वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंपी थी।

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