भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन मामले को लेकर भाजपा सांसदों ने सोमवार को बात की। उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर संविधान के अनुरूप कार्य नहीं करने का आरोप लगाया।
दरअसल, राज्यसभा सांसद एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। अब इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, “इसमें विशेषाधिकार हनन की कोई बात नहीं है। अगर सदन की किसी बात पर सदन में ही उसका समर्थन या खंडन किया जाए और अगर वो गलत हो तो विशेषाधिकार हनन का मामला होता है। लेकिन अगर सदन के बाहर की बात पर किसी ने सदन में कुछ कहा है तो वो विशेषाधिकार का मामला नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पहले अपने कांग्रेस के नेताओं और अपने उपमुख्यमंत्री पर नियंत्रण रखना चाहिए, इसके बाद विशेषाधिकार की बात करनी चाहिए।”
पूरे मामले को लेकर भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा, “यह विशेषाधिकार का मामला नहीं बनता है। जेपी नड्डा ने साफ-साफ कहा है कि कर्नाटक की सरकार ने धर्म के आधार पर जो आरक्षण दिया है, वो भारत के संविधान के आधार पर सही नहीं है और संविधान की मंशा के अनुरूप नहीं है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, हमारे नेता जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जो बयान दिया है, वो बिल्कुल सही है और तथ्यों पर आधारित है।
बता दें कि कांग्रेस से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को जेपी नड्डा एवं किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। इसमें कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के कथित बयानों को लेकर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।