नई दिल्ली, भारतीय राइफल शूटर सिफ्त कौर समरा अपने पहले ओलंपिक में दबाव महसूस नहीं कर रही हैं, बल्कि वह हर चार साल में होने वाले इस शोपीस इवेंट को एक और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के रूप में देख रही हैं।
सिफ्त कौर ने पेरिस ओलम्पिक से तुलना करते हुए कहा कि ‘सिर्फ़ टूर्नामेंट का नाम बदलता है, लोग या तकनीक नहीं।
सिफ्त कौर, जो वर्तमान में लक्ज़मबर्ग में अपने प्रशिक्षण केंद्र में हैं। 23 जुलाई से फ्रांस की राजधानी में शुरू होने वाले पेरिस खेलों में महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
469.6 के विश्व रिकॉर्ड के साथ एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि ओलंपिक चार साल बाद आ रहा है, इसलिए यह अन्य सामान्य विश्व कप की तुलना में बहुत बड़ा है लेकिन उनके लिए यह एक और प्रतियोगिता है। वह पिछले टूर्नामेंट और प्रशिक्षण सत्रों में इस्तेमाल की गयी तकनीकों पर कड़ी मेहनत को ही अपनाएंगी।
सिफ्त कौर ने आईएएनएस को बताया, “यह हमारे लिए एक सामान्य विश्व कप जैसा ही है। हम हमेशा विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। यह एक और टूर्नामेंट है जहां हम अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।”
“हां, ओलंपिक हर चार साल में आता है, यह अन्य विश्व कप की तुलना में बहुत बड़ा है। लेकिन मुझे लगता है कि पिछले विश्व कप में हमारे पास वही लोग थे, इसलिए यह वैसा ही होने वाला है। मुझे बस वही चीजें करनी हैं जो मैंने अपने पिछले टूर्नामेंट और प्रशिक्षण सत्रों में की थीं। टूर्नामेंट के केवल नाम बदलते हैं, लोग या तकनीक नहीं।”
पेरिस खेलों में निशानेबाजों की 21 सदस्यीय टीम भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। टीम में राइफल में आठ, पिस्टल में सात और शॉटगन में छह सदस्य शामिल हैं।
आठ राइफल निशानेबाजों में से केवल दो ( ऐश्वर्या प्रताप तोमर और अंजुम मुदगिल) को ओलंपिक शूटिंग रेंज में प्रतिस्पर्धा करने का अनुभव है।
अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के संदर्भ में अपने लक्ष्य के बारे में बात करते हुए सिफ़्त कौर ने कहा, “मैं बस यही चाहती हूं कि यह पिछले टूर्नामेंट जैसा न हो और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूं।”