सोनीपत, 8 अगस्त सोनीपत जिले के खानपुर कलां स्थित भगत फूल सिंह राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज (बीपीएसजीएमसी) की नर्सिंग स्टाफ बुधवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चली गईं और अपनी मांगों के समर्थन में कॉलेज के प्रशासनिक भवन के पास धरना दिया।
बीपीएसजीएमसी नर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले अध्यक्ष शर्मिला दहिया और उपाध्यक्ष अनिल नैन के नेतृत्व में 275 नियमित नर्सिंग स्टाफ सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रदर्शनकारी स्टाफ सदस्यों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
अस्पताल में खाली वार्ड (ऊपर) अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि विभागाध्यक्ष मरीजों को छुट्टी दे रहे हैं, नए मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं और कुछ मरीजों को अन्य उच्च संस्थानों में रेफर कर रहे हैं।
इस बीच हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। यहां औसतन हर रोज 2500 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। अब 700 बेड वाले अस्पताल में मरीजों की देखभाल के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम के 18 और 23 प्रोबेशन पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ के सिर्फ 41 सदस्य ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा करीब 120 इंटर्न, पीजी छात्र और अंतिम वर्ष के छात्रों पर काम का बोझ बढ़ गया है।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि हड़ताल के कारण विभागाध्यक्ष मरीजों को छुट्टी दे रहे हैं, नए मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं तथा कुछ मरीजों को अन्य उच्च संस्थानों में रेफर कर रहे हैं।
नाम न बताने की शर्त पर एक एमबीबीएस छात्र ने बताया कि नियमानुसार प्रशिक्षुओं को प्रतिदिन केवल आठ घंटे ही ड्यूटी करनी होती है, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें 24 से 30 घंटे तक लगातार काम करना पड़ रहा है।
एक कर्मचारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में 700 बेड हैं और यह हमेशा पूरी तरह भरा रहता है, लेकिन नर्सिंग स्टाफ की अनुपस्थिति में कई विभागाध्यक्षों ने नए मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि ओपीडी में भी मरीजों की संख्या कम हो गई है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि जिन वार्डों में मरीजों की भरमार थी, वे भी इन दिनों खाली पड़े हैं।
बीपीएसजीएमसी नर्स वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल नैन ने कहा, “हम अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में नर्सों की मुख्य मांग है कि नर्सिंग भत्ता 1,200 रुपये से बढ़ाकर 7,200 रुपये किया जाए।
अन्य मुख्य मांग केंद्र, एम्स और पीजीआईएमईआर की तर्ज पर नर्सिंग संवर्ग के समूह वर्गीकरण को ग्रुप-सी से ग्रुप-बी में बदलने की है।
नैन ने आगे कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती तो वे 8 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
बीपीएस मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. जेसी दुरेजा ने दावा किया कि नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, क्योंकि हमारे इंटर्न, पीजी छात्र और अन्य स्टाफ सदस्य ड्यूटी पर थे। उन्होंने दावा किया, “ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर और प्रयोगशालाएं अब तक सुचारू रूप से चल रही हैं।”
इंटर्न, पीजी छात्र भी सतर्क यहां औसतन प्रतिदिन 2,500 मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। हड़ताल के कारण 700 बिस्तरों वाले अस्पताल में केवल 41 नर्सें काम कर रही हैं, जिनमें हरियाणा कौशल रोजगार निगम की 18 और 23 परिवीक्षाधीन नर्सें शामिल हैं। इसके अलावा करीब 120 इंटर्न, पीजी छात्र और अंतिम वर्ष के छात्रों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है।
नाम न बताने की शर्त पर एक एमबीबीएस छात्र ने बताया कि नियमानुसार प्रशिक्षुओं को प्रतिदिन केवल आठ घंटे काम करना होता है, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें लगातार 24 से 30 घंटे तक काम करना पड़ रहा है।