केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने झारखंड में माओवादी विरोधी अभियान के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से हुई सेकंड इन कमांडर महारबाम प्रभु सिंह की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा बल शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़ा है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अधिकारी का फोटो शेयर करते हुए लिखा, “15 मई 2025 को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के छोटानागरा क्षेत्र में सीआरपीएफ की 26वीं बटालियन द्वारा माओवादी विरोधी अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान सेकंड-इन-कमांड महारबाम प्रभु सिंह की बिजली गिरने से दुखद मृत्यु हो गई।”
उन्होंने बताया, “सीआरपीएफ इस बहादुर अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इस शोक की घड़ी में पूरा बल शोकग्रस्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
सिंह के साथ मौजूद सहायक कमांडेंट सुबीर कुमार मंडल भी घायल हो गए। उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाया गया। जानकारी के अनुसार, उन्हें आगे के इलाज के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल नोवामुंडी रेफर कर दिया गया। इस घटना में झारखंड पुलिस के दो जवान भी घायल हुए हैं।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि दोनों अधिकारी ऑपरेशन में सबसे आगे थे, जब प्रकृति ने क्रूर प्रहार किया, वो चुनौतीपूर्ण मौसम और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में अपने जवानों का मार्गदर्शन कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है, जिससे क्षेत्र में पहले से मौजूद खतरे और बढ़ गए हैं।
झारखंड में नक्सली प्रभावित दुर्गम इलाकों में सीआरपीएफ और पुलिस संयुक्त कार्रवाई कर रही है। अब तक नक्सलियों से मुठभेड़ में ही सीआरपीएफ या पुलिस बल को जान माल की हानि हुई है। 12 मई को झारखंड के चाईबासा जिला अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे लगाई गई आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आने से झारखंड पुलिस बल का एक जवान घायल हो गया था। उसे एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए रांची लाया गया था।
वहीं, मार्च महीने में चाईबासा के जराईकेला थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों के बिछाए आईईडी की चपेट में आने से सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के एक असिस्टेंट कमांडेंट सहित सुरक्षा बल के तीन जवान घायल हो गए थे। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान लगातार सफलताएं भी हासिल हुई हैं।