स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को राज्य भर में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण करने तथा दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले केंद्रों का पंजीकरण रद्द करने के निर्देश दिए।
राजपाल, जो महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग का प्रभार भी संभाल रहे हैं, ने आज यहां दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने राज्य के लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास विभागों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने समय पर गर्भावस्था पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का भी आह्वान किया।
राजपाल ने राज्य औषधि नियंत्रक को निर्देश दिया कि वे एमटीपी गोलियों की बिक्री पर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि बिना डॉक्टर के पर्चे के गोलियां न बेची जाएं। उन्होंने सिविल सर्जनों को एमटीपी केंद्रों से प्राप्त आंकड़ों का नियमित विश्लेषण करने का भी निर्देश दिया। यदि रिपोर्ट में कोई विसंगति पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रसवपूर्व सेवाओं तक पहुँचने के लिए आरसीएच पोर्टल पर उपलब्ध अद्वितीय एएनआर नंबर अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं के लिए स्व-पंजीकरण की संभावना तलाश रहा है। इससे अधिकारियों को गर्भावस्था के दौरान उनकी प्रगति पर नज़र रखने और भ्रूण हत्या को रोकने के उपाय करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक डॉ. मनीष बंसल, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक, पंचकूला की सिविल सर्जन डॉ. मुक्ता सहित अन्य उपस्थित थे।
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