अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) यश जालुका ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि अनाज मंडियों में रबी फसलों की खरीद के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूरी हो जाएं। सरकारी आदेशों के अनुसार, 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी, जो रबी सीजन की खरीद प्रक्रिया की शुरुआत होगी। एडीसी ने जोर देकर कहा कि अनाज मंडियों से फसलों को उठाने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए और निर्देश दिया कि निर्धारित तीन घंटे की समय सीमा के भीतर वाहन उपलब्ध कराने में विफल रहने वाले ट्रांसपोर्टरों को दंडित किया जाना चाहिए।
उन्होंने मंडी सचिवों को किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए मंडीवार शिकायत निवारण समितियां बनाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “मंडी कार्यालय के बाहर और मंडी गेट पर समिति के सदस्यों के नाम और संपर्क नंबर प्रदर्शित करने वाला एक बैनर लगाया जाना चाहिए। इससे किसानों को खरीद से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए शिकायत समिति के सदस्यों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।”
लघु सचिवालय में खरीद की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी ने कहा कि सभी खरीद एजेंसियों के पर्यवेक्षक अपने कर्तव्यों का निष्ठा व ईमानदारी से पालन करें। काम में किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि गेहूं खरीद का भुगतान समय पर उनके खातों में पहुंचा दिया जाएगा।
उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को अपने-अपने क्षेत्रों में मंडियों का निरीक्षण करने और किसान यूनियनों और क्लबों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को मंडियों में लाने से पहले अपनी उपज को सुखाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि बिक्री प्रक्रिया सुचारू हो सके। कृषि विभाग को भी उचित खरीद प्रक्रियाओं के बारे में किसानों के बीच जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन सहित सरकारी खरीद एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी अनाज मंडियों के मंडी सचिवों ने भाग लिया। एडीसी ने मंडी सचिवों को सीसीटीवी कैमरे लगाने, निर्बाध बिजली आपूर्ति, वाटर कूलर के साथ स्वच्छ पेयजल की सुविधा, अच्छी तरह से बनाए गए शौचालय और किसानों और मजदूरों के लिए पर्याप्त शेड सहित उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गेट पास जारी करने के लिए पर्याप्त कंप्यूटर, स्कैनर और ऑपरेटर उपलब्ध होने चाहिए। कंप्यूटर या स्कैनर की किसी भी कमी को खरीद के माध्यम से तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
एडीसी ने सभी खरीद एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे पर्याप्त मात्रा में बोरियों और तिरपालों का स्टॉक बनाए रखें और नमी जांचने वाली मशीनों की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित करें। खुले स्थानों पर रखे गए गेहूं के लिए अग्निशामक यंत्र, सीसीटीवी निगरानी और भंडारण व्यवस्था जैसे विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने खरीद एजेंसियों को अपनी भंडारण योजना पहले से प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
मंडी सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रमाणित करें कि गेहूं खरीद के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
एडीसी ने अनाज मंडियों में साफ-सफाई बनाए रखने और खरीद सीजन शुरू होने से पहले सड़कों की मरम्मत पूरी करने के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि किसानों को असुविधा न हो। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को रबी सीजन के दौरान मंडियों के आसपास गश्ती दल तैनात करने और मादक पदार्थों के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया। अनाज मंडियों के पास भीड़भाड़ से बचने के लिए यातायात प्रबंधन को प्रभावी ढंग से संभाला जाना चाहिए।
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