पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के आश्वासन के बाद राज्य के सरकारी डॉक्टरों ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से अपनी हड़ताल वापस ले ली है।
डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार को प्रमुख सचिव वित्त अजय कुमार सिन्हा और सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल के साथ मिलकर पीसीएमएस एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ आपात बैठक की और डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की, क्योंकि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए अवरोधों के बावजूद विभाग के पास फंड की कोई कमी नहीं है। इसलिए पीसीएमएसए की स्वीकृत मांगों को लागू करने में कोई बाधा नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि मरीज कल्याण मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का सर्वोपरि उद्देश्य है तथा किसी भी मरीज को इलाज के अभाव में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हालांकि मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने बुधवार को हड़ताल पर गए डॉक्टरों की मांगों पर सहमति जता दी है, फिर भी वह आश्वस्त करते हैं कि डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) की बहाली जैसी उनकी मांगों को जल्द ही लागू किया जाएगा।
पीसीएमएसए की अन्य मांगों पर चर्चा करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि उनका स्वयं का मानना है कि डॉक्टरों के करियर में ठहराव होता है, उनकी पहली पदोन्नति अधिकतर पचास वर्ष की आयु में होती है तथा वे एसएमओ के पदों को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं ताकि इस ठहराव को कम किया जा सके।
सरकार ने 1390 डॉक्टरों की भर्ती के लिए मंजूरी दे दी है, जिनमें से 400 पदों के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए धनराशि पहले ही जारी कर दी गई है, सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार पीसीएमएसए की मांगों के प्रति प्रतिबद्ध है क्योंकि उनकी अधिकांश मांगों को मंजूरी दे दी गई है और उन्हें समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगले सप्ताह तक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बैठक के दौरान पीसीएमएसए के राज्य अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने उनकी मांगों पर आश्वासन देने के लिए स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया तथा तुरंत प्रभाव से अपनी हड़ताल वापस लेने की घोषणा की तथा मरीजों के प्रति सहानुभूति के तौर पर पीसीएमएसए ने हड़ताल के कारण मरीजों को हो रही असुविधा की भरपाई के लिए ओपीडी का समय दो घंटे बढ़ाने का निर्णय लिया।
बैठक में सचिव वित्त दीप्रवा लाकड़ा, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान डॉ. अवनीश कुमार और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।