रांची, 1 अगस्त । झारखंड विधानसभा से 18 भाजपा विधायकों को सस्पेंड किए जाने पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। विधायकों को निलंबित करने के स्पीकर के आदेश के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने मीडिया से कहा, स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या की है।
बाउरी ने कहा, स्पीकर ने राज्य सरकार के इशारे पर विधायकों को सस्पेंड किया है। उन्होंने संविधान की मर्यादा तार-तार कर दी है। एक साथ पूरे विपक्ष को सस्पेंड करने का यह देश में शायद सबसे पहला शर्मनाक उदाहरण है। स्पीकर ने आज सदन में जिस तरह का व्यवहार किया, वह बताता है कि यह सरकार निरंकुश हो चुकी है।
बाउरी ने कहा कि हमने विधानसभा में उन पांच लाख युवाओं की नौकरी और अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण को लेकर जवाब मांगा था, जिसका वादा कर ये लोग सरकार में आए थे। क्या युवाओं और जनता की बात सदन में उठाना गुनाह है? लेकिन, स्पीकर ने आज लोकतंत्र में काला अध्याय लिख दिया है। उन्होंने किस तरह अघोषित इमरजेंसी लागू कर रखी है, इसका पता इसी बात से चलता है कि आज पत्रकारों को भी सदन की पत्रकार दीर्घा में आने से रोका गया।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि स्पीकर आज मर्यादा का हवाला दे रहे हैं, लेकिन हम लोगों ने विधायक के रूप में सदन में उनका आचरण भी देखा है। इसी विधानसभा में पूर्व स्पीकर के ऊपर इन लोगों ने जूते फेंके थे। तब तो इस तरह किसी का सस्पेंशन नहीं हुआ था।
मीडिया से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष के साथ मौजूद भाजपा के विधायकों ने कहा कि इस तानाशाह सरकार की उम्र अब मात्र दो महीने बची है। हम इन्हें उखाड़ फेंकेंगे। राज्य के युवाओं और अनुबंध कर्मियों के हक की लड़ाई अब किसी कीमत पर नहीं रुकेगी।
बता दें कि झारखंड विधानसभा में बुधवार से ही लगातार हंगामा और प्रदर्शन कर रहे भाजपा के 18 विधायकों को स्पीकर ने गुरुवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सस्पेंड कर दिया। इनमें रणधीर सिंह, अनंत ओझा, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, डॉ नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, बिरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, कुशवाहा शशिभूषण प्रसाद मेहता, नवीन जायसवाल, आलोक चौरसिया और पुष्पा देवी शामिल हैं।
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