मुंबई, 19 सितंबर । शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने ‘एक देश, एक चुनाव’ को संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन एक व्यक्ति की तानाशाही है।
उन्होंने कहा, “भारत बहुभाषी राष्ट्र है। यहां विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। ऐसे में एक साथ सभी चुनाव कराना जटिल व दूभर मार्ग हो सकता है।”
उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह पार्टी आज से नहीं, बल्कि शुरू से ही संविधान के खिलाफ काम करती आई है। अगर डायरेक्टली नहीं कर पाती, तो इन-डायरेक्टली करती है। यह सरकार संविधान की मूल संरचना से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है।”
संजय राउत ने दावा किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगला चुनाव हारने जा रहे हैं, इसलिए वो इस तरह के कदम उठा रहे हैं। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कुछ नहीं, एक प्रकार की तानाशाही है। अगर इस तरह से चुनाव हुए, तो ‘नो नेशन’ जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है। अगर इस कदम को जमीन पर उतारा गया, तो यह देश के संविधान, लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा साबित होगा।”
जब संजय राउत से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को शरद पवार द्वारा समर्थन किए जाने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा, “इस पर आगे विस्तारपूर्वक बात करेंगे, क्योंकि इंडिया ब्लॉक में कई तरह के घटक दल हैं। सभी की अपनी अलग-अलग राय है, लिहाजा हम आगे चलकर पहले इस पर विस्तारपूर्वक बात करेंगे।”
संजय राउत ने इंडिया ब्लॉक में मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, “हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। हम सभी आजादी से काम कर रहे हैं। हमें कोई दिक्कत नहीं है। सीट शेयरिंग को लेकर भी हमारे बीच कोई विवाद नहीं है।”
राहुल गांधी पर की जा रही अमर्यादित टिप्पणी पर संजय राउत ने कहा, “यह बीजेपी का संस्कार है। बीजेपी इसी तरह से हमारे नेता के बारे में विवादित टिप्पणी करती रहती है। इस तरह की टिप्पणी से बीजेपी लोगों के बीच अपने संस्कार और संस्कृति जाहिर कर रही है। देश की जनता सब देख रही है। आपको यह देखना होगा कि आप किस पर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। आप हमारे विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। आपको यह समझना होगा कि राहुल गांधी को देश की जनता ने विपक्षी दल का नेता बनाया है। इस पद पर खुद बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता रह चुके हैं।”