नागपुर, 17 दिसंबर । शिवसेना नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य मनीषा कायंदे ने मंगलवार को कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक को देश के लिए अहम बताया।
आईएएनएस के बातचीत में उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है। इस कानून का उद्देश्य बार-बार होने वाले चुनावों को खत्म करना है। जिसमें समय और पैसा लगता है। अगर देश के हित में कोई फैसला लिया जाता है तो हमें उसका समर्थन करना चाहिए।
एनसीपी नेता छगन भुजबल की नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी, विशेष रूप से एनसीपी और अजीत पवार से संबंधित निर्णय है। मुझे इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं लगता।
शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने आगे कहा कि इंडिया ब्लॉक ध्वस्त होने जा रहा है। यह टिक नहीं पाएगा क्योंकि इसके प्रत्येक सदस्य का अपना निजी एजेंडा है। उनके पास देश को आगे ले जाने का कोई सामूहिक एजेंडा नहीं है।
वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक आज लोकसभा में पेश हो गया। लोकसभा में इस बिल को लेकर सरकार-विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है। वन नेशन, वन नेशन को लेकर सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिविज़न हुआ। इस बिल के पक्ष में 220 सांसदों ने वोटिंग की तो 149 सांसदों ने इसका विरोध किया। हालांकि बाद में फिर से मत विभाजन की प्रक्रिया की गई। दोबारा से मतविभाजन में पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर संसद में मचे बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘जब कैबिनेट में एक राष्ट्र एक चुनाव बिल आया तो पीएम मोदी ने कहा कि इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाना चाहिए।’ हंगामे के बीच आईयूएमएल नेता ई टी मोहम्मद बशीर, शिवसेना सदस्य अनिल देसाई ने बिल पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए।