ढाका, बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के हाईकोर्ट डिवीजन ने फैसला सुनाया है कि समाचारपत्रों और समाचार एजेंसियों के मालिक पत्रकारों और अन्य श्रमिकों के आयकर का भुगतान करेंगे।
इसने आयकर और ग्रेच्युटी के संबंध में पत्रकारों और समाचार एजेंसियों और समाचार एजेंसियों के कार्यकर्ताओं के लिए 9वें वेतन बोर्ड पुरस्कार में कैबिनेट समिति द्वारा की गई सिफारिशों को भी अवैध घोषित किया।
न्यायमूर्ति मोहम्मद अशफाकुल इस्लाम और न्यायमूर्ति मोहम्मद शोहरवार्दी की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए इस संबंध में 2020 में पूर्ण रूप से जारी एक नियम की घोषणा की।
कैबिनेट समिति की सिफारिशों के अनुसार, पत्रकारों, प्रेस कर्मियों और प्रशासनिक कर्मचारियों के वेतन पर आयकर लगाया जाना चाहिए, उनकी संबंधित आय से भुगतान किया जाएगा।
अदालत ने यह भी कहा कि सभी श्रेणियों के समाचारपत्रों और समाचार एजेंसियों में काम करने वाले पत्रकारों, प्रेस कर्मियों और प्रशासनिक कर्मचारियों को छह महीने या उससे अधिक की सेवा के लिए उनके पिछले महीने के वेतन के आधार पर उनके एक महीने के मूल वेतन के बराबर वार्षिक ग्रेच्युटी मिलेगी।
याचिकाकर्ताओं (कर्मचारियों) की ओर से अधिवक्ता रेजाउल हक रजा और दीदारुल आलम और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. काजी अख्तर हामिद ने दलील पेश की, जबकि उप महान्यायवादी काजी मोइनुल अहसान ने सरकार का पक्ष लिया।
बांग्लादेश संगबाद संगठन-बीएसएस कर्मचारी संघ के महासचिव मोहम्मद महबूबज्जमां ने 23 नवंबर, 2020 को रिट याचिका दायर कर 9वें वेतन बोर्ड के उपरोक्त दो प्रावधानों को चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद 25 नवंबर, 2020 को नियम जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा कि वह अवैध और कानूनी अधिकार क्षेत्र से परे कैबिनेट समिति द्वारा की गई सिफारिशों को क्यों नहीं घोषित करेगा।