पिछले 24 घंटों में धर्मशाला और उसके आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश ने धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसानों का आरोप है कि कटाई के लिए तैयार धान की फसल बर्बाद हो गई है।
कांगड़ा के किसान सुरेश चौधरी ने बताया कि भारी बारिश से उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से पूरे क्षेत्र में धान की पैदावार कम होने की आशंका है।
कृषि विशेषज्ञ पहले से ही किसानों को ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन के बारे में आगाह कर रहे हैं। आमतौर पर कांगड़ा घाटी में जुलाई के महीने से बारिश शुरू हो जाती थी और 15 सितंबर तक खत्म हो जाती थी। कांगड़ा घाटी में फसल का पैटर्न भी उसी के अनुसार था।
जुलाई में बारिश शुरू होने के साथ ही किसानों ने धान की बुआई शुरू कर दी थी और फसल को मानसून से फ़ायदा हुआ था। लेकिन इस साल जुलाई और अगस्त के महीनों में कांगड़ा घाटी में सूखे जैसे हालात थे। लेकिन सितंबर में भारी बारिश ने इस क्षेत्र को तबाह कर दिया।
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे क्षेत्र में बारिश के अनुसार अपने फसल पैटर्न में बदलाव करें।