May 8, 2025
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अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, फर्जी वीडियो से लोगों को गुमराह करने की कोशिश हुई बेनकाब

Pakistan is not stopping its activities, its attempt to mislead people with fake videos has been exposed

 

नई दिल्ली, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, पाकिस्तान सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित करते हुए बेनकाब किया गया है।

 

बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें काफी लोग हताहत हुए।

यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई का एक महत्वपूर्ण क्षण था।

हमलों के बाद, पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई। इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबद्ध हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म पर, विशेष रूप से एक्स पर, असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं।

स्वतंत्र विश्लेषकों और भारत के आधिकारिक तथ्य-जांच निकायों ने इनमें से कई दावों को तुरंत निराधार बताया।

सबसे व्यापक रूप से प्रसारित झूठे दावों में से एक में आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी।

इस दावे का समर्थन करने के लिए इस्तेमाल किया गया वीडियो, जिसमें आसमान में आग की लपटें दिखाई दे रही थीं, को सिरे से खारिज कर दिया गया।

फैक्ट चेक में पता चला कि फुटेज 2024 में चिली के वालपाराइसो में लगी एक जंगल की आग से लिया गया था। इस प्राकृतिक आपदा का भारत या पाकिस्तान में किसी भी सैन्य कार्रवाई से कोई संबंध नहीं था।

प्रेस सूचना ब्यूरो के फैक्ट जांच प्रभाग ने गलत सूचना को तुरंत संबोधित करते हुए कहा: “पाकिस्तान प्रोपेगैंडा अलर्ट! पाकिस्तान स्थित हैंडल अमृतसर में एक सैन्य अड्डे पर हमले का झूठा आरोप लगाते हुए पुराना वीडियो सर्कुलेट कर रहा है। शेयर किया जा रहा वीडियो 2024 में जंगल की आग का है। असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।”

इन स्पष्टीकरणों के बावजूद, इसी तरह की सामग्री फैलाने में पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के कई अकाउंट भी शामिल हैं।

पाकिस्तानी के विभिन्न सोर्सेस से साझा की गई कई तस्वीरें और वीडियो या तो डिजिटल रूप से बदली गई थीं या फिर किसी और ही घटना से ली गई थीं, जो वर्षों पुरानी थीं। एनालिस्ट्स ने नोट किया कि प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियां भी इसमें शामिल हो गईं, अनर्गल सामग्री साझा की और जवाबी हमलों के निराधार दावे किए।

विश्लेषकों ने इसे भारत के ऑपरेशन के बाद जनता की धारणा को फिर से आकार देने के लिए पाकिस्तान की सूचना मशीनरी द्वारा एक ठोस प्रयास के रूप में वर्णित किया है।

गलत सूचनाओं के प्रवाह पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, पुराने युद्ध फुटेज और फिर से इस्तेमाल किए गए आपदा वीडियो जैसी हेरफेर की गई सामग्री का उपयोग, भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक कहानी गढ़ने की पाकिस्तान की पुरानी रिवायत का हिस्सा है।

गलत सूचनाओं की बाढ़ के जवाब में, भारत सरकार ने जनता और प्रेस से आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित अपडेट पर विशेष रूप से भरोसा करने का आह्वान दोहराया।

अधिकारियों ने असत्यापित या फर्जी खबरों के प्रसार के खतरों के प्रति सचेत रहने की अपील की है।

 

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