लुधियाना, 22 दिसंबर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. गुरदेव सिंह खुश ने ‘विकासशील देशों के इनोवेटर्स’ की श्रेणी में 2023 का विनफ्यूचर पुरस्कार जीतकर अपनी टोपी में एक और पंख जोड़ लिया है। यह सम्मान रोग प्रतिरोधी चावल की किस्मों के विकास और उन्नति के माध्यम से वैश्विक खाद्य सुरक्षा में क्रांति लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
आईआर8, आईआर36 और आईआर64 जैसी कई रोग-प्रतिरोधी चावल किस्मों को बनाने में डॉ. खुश के अग्रणी प्रयासों ने न केवल फसलों को कीटों और बीमारियों के खिलाफ मजबूत किया है, बल्कि अनाज की गुणवत्ता में वृद्धि करते हुए परिपक्वता समय को भी काफी कम कर दिया है।
चावल की 300 से अधिक किस्मों में डॉ. ख़ुश के योगदान से वैश्विक चावल उत्पादन दोगुना हो गया है, जिसमें आईआरआरआई-नस्ल की किस्में दुनिया की 60% चावल भूमि को कवर करती हैं।
बोरलॉग पुरस्कार, जापान पुरस्कार, रैंक पुरस्कार, वुल्फ पुरस्कार, गोल्डन सिकल पुरस्कार, बीपी पाल मेमोरियल पुरस्कार, पद्म श्री और 1996 में प्रतिष्ठित विश्व खाद्य पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित, डॉ खुश का प्रभाव प्रशंसा से परे है।
पीएयू के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे डॉ. खुश का जीवन एक चमकदार उदाहरण के रूप में कार्य करता है, जो असाधारण परिवर्तन लाने में दृढ़ संकल्प की शक्ति और ज्ञान की अदम्य खोज को दर्शाता है।
विनफ्यूचर फाउंडेशन, वियतनाम का लक्ष्य परिवर्तनकारी तकनीकी नवाचारों को पहचानना है जो जीवन को बेहतर बनाते हैं और टिकाऊ रहने वाले वातावरण को बढ़ावा देते हैं।