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पेंशनरों ने शिमला में किया प्रदर्शन, 15 दिन में पेंशन देने की मांग

Pensioners demonstrated in Shimla, demanding payment of pension within 15 days

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चौरा मैदान के पास आज राज्य भर से सैकड़ों पेंशनभोगियों ने एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से लंबित पेंशन के साथ-साथ बकाया राशि का तुरंत भुगतान करने की मांग की। पेंशनभोगियों ने राज्य सरकार को 15 दिन की समयसीमा दी।

प्रदर्शन के दौरान भारतीय राज्य पेंशनर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि यह राज्य सरकार की विफलता है कि जिन लोगों ने अपना पूरा जीवन केंद्र व राज्य स्तर पर सेवाएं देने में समर्पित कर दिया, उन्हें अपनी मांगों के लिए आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नीत राज्य सरकार के कार्यकाल में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है और पिछले दो वर्षों से उनके चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे वे परेशान हैं और समय पर उपचार नहीं करा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “चिकित्सा उपचार के अभाव में कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है। वर्तमान राज्य सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील हो गई है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को परेशान करने का काम कर रही है।”

उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या बीमार होने पर भी उनके नेताओं और विधायकों को चिकित्सा भत्ता नहीं दिया जाता है। उन्होंने सरकार से उनकी मांगों के बारे में श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की। शर्मा ने कहा, “सरकार के पास हजारों करोड़ रुपये बकाया होने के बावजूद वह अपनी गलतियों के लिए पिछली सरकार को दोषी ठहरा रही है। सरकार वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है। पेंशनरों का हजारों करोड़ रुपये का बकाया अभी तक नहीं चुकाया गया है और अभी तक बकाया की एक भी किस्त नहीं दी गई है।”

उन्होंने कहा कि पहले सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हर महीने की पहली तारीख को पेंशन मिल जाती थी, लेकिन अब स्थिति इतनी खराब हो गई है कि सरकार गलत तरीके से पेंशन दे रही है। उन्होंने कहा, “मैंने किसी भी राज्य सरकार में ऐसा वित्तीय कुप्रबंधन नहीं देखा।” अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार पेंशनरों की मांगें पूरी नहीं करती है तो वे राज्य सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे।

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