N1Live National आतिशी के बगल में खाली कुर्सी पर शराब की बोतल रखकर व जेल में जंजीर पकड़ केजरीवाल की फोटो भी लगाइए : नीरज कुमार
National

आतिशी के बगल में खाली कुर्सी पर शराब की बोतल रखकर व जेल में जंजीर पकड़ केजरीवाल की फोटो भी लगाइए : नीरज कुमार

Place a liquor bottle on the empty chair next to Atishi and also put a photo of Kejriwal holding a chain in jail: Neeraj Kumar

पटना, 26 सितंबर । आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली के सीएम का पदभार ग्रहण करते समय एक अलग कुर्सी लगाकर बैठीं। उन्होंने उस कुर्सी को खाली छोड़ दिया, जिस पर अरविंद केजरीवाल बैठा करते थे। इस पर तिलमिलाए जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने केजरीवाल को भ्रष्टाचारी सीएम बाताया। उन्होंने कहा कि जो कुर्सी खाली रखी गई है, उस कुर्सी पर एक खूबसूरत शराब की बोतल रखिए और जेल में बैठे अरविंद केजरीवाल का फोटो डालिए। इस फोटो में वह जेल के अंदर जंजीर पकड़े हुए हों। साथ ही उन पर जितने मुकदमे चल रहे हैं, उनकी भी फोटो डाल दीजिए।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अरविंद केजरीवाल के सवाल का जवाब देने में मैं सक्षम नहीं हूं। क्योंकि अरविंद केजरीवाल राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, जेल गए हैं, भ्रष्टाचार में जेल गए हैं, शराब पिलाने के मामले में जेल गए हैं। मुझे जेल जाने का मौका नहीं मिला है। जनता ने उनके सवाल का जवाब दे दिया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी का लोकसभा चुनावों में सातों सीटों पर दिल्ली में सूपड़ा साफ हो गया। उन्होंने जिन्हें मुख्यमंत्री मनोनीत किया है, मन से नहीं किया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने माना था कि उनके दामन पर भ्रष्टाचार का दाग लगा हुआ है, इसलिए अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकते हैं। इस पर उन्होंने नया मुख्यमंत्री बना दिया। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली रखी गई है। कहा जा रहा है कि ‘भरत’ की कुर्सी की तरह राम जब आएंगे तो उस पर बैठेंगे। आपको पौराणिक कथाएं स्मरण हैं। व्यंग में कहा जाता है कि भगवान राम जब वनवास चले गए तो अयोध्या के निवासियों को यह पता चला कि ट्रांसफर, पोस्टिंग का पॉवर भाई भरत के पास है, तो अयोध्यावासियों ने भगवान राम को वनवास में छोड़ दिया और सब भरत के साथ चल पड़े।”

उन्होंने कहा, “हम यह अनुरोध करेंगे जो कुर्सी खाली पड़ी है और ज‍िसे अरविंद केजरीवाल के भविष्य में वापस आने की संभावनाओं के लिए आरक्षित रखा गया है, उस कुर्सी पर एक खूबसूरत शराब की बोतल रखिए और जेल में बैठे अरविंद केजरीवाल का फोटो डालिए। इस फोटो में वह जेल के अंदर जंजीर पकड़े हुए हों। साथ ही उन पर जितने मुकदमे चल रहे हैं उनकी भी फोटो डाल दीजिए। नई पीढ़ी प्रेरित होगी। नई पीढ़ी प्रेरित होती रहेगी कि अपने आप को गांधी के रास्ते पर चलने वाला कहने वाला व्यक्ति नई पीढ़ी को कैसे शराब में डुबो रहा था, यह देखकर लोग मुस्काएंगे।”

इसके बाद नीतीश सरकार के काम गिनवाते हुए उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में समाज के दलित अति पिछड़ा कृषक समूह के जीवन दशा में बदलाव के लिए पुल और पुलियाें का अंबार लगा दिया। राज्य में 1975 से 2005 तक मात्र 230 पुल बने। नीतीश कुमार के कार्यकाल में हजारों पुल बने। ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा जिस पुल निर्माण निगम को लेकर यह भावना थी कि यह खत्म हो चुका है, उसने 1830 पुल बनाए। कोसी महासेतु से लेकर कई बड़े-बड़े सेतु राज्य में बने। ऐसे विषय पर अपवाद को संवाद बनाने का माध्यम चल पड़ा है, इसमें कहा जाता है कि पुल तो गिर गया। पूर्व की सरकार द्वारा बनाए गए पुल का अनुरक्षण हमारी सरकार कर रही है। आपने पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी ही नहीं बनाई। नीतीश कुमार ने पुलों की अनुरक्षण नीति भी बनाई। हम पुल बनाते हैं संपर्क बढ़ाने के लिए। आप राजनीति में परिवार के पुल बनाते हैं। हम में और आप में यही अंतर है।”

Exit mobile version