पंचकूला: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव करने के लिए प्रदर्शनकारी जेबीटी शिक्षकों को चंडीगढ़ क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछार का इस्तेमाल करना पड़ा।
9,455 जेबीटी भर्ती की लो मेरिट और वेटिंग लिस्ट में नियुक्ति मांगने वाले अभ्यर्थियों को पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच के अंतिम फैसले को लागू किया जाए।
पात्र शिक्षक संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम अहलावत ने बताया कि हरियाणा में जेबीटी के 9870 पदों में से 9455 अभ्यर्थियों की मूल/पहली सूची का परिणाम 2014 में जारी किया गया था और मई 2017 में उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे जो आठ दिसंबर 2012 की विज्ञापन की अंतिम तिथि तक पात्र थे।
उन्होंने बताया कि आठ दिसंबर 2012 की कट ऑफ तिथि के बाद पात्रता परीक्षा एचटेट 2013 उत्तीर्ण करने वाले जेबीटी उत्तीर्ण शिक्षकों को भी भर्ती में शामिल किया गया था, जिसके कारण मूल सूची (एचटेट 2011) उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था।
मूल सूची में शामिल शिक्षकों (कट-ऑफ तारीख तक सभी योग्यता रखने वाले) ने पांच साल तक उच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ा। 16 मई 2022 को जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस विकास सूरी की डबल बेंच ने 20 जुलाई 2022 को इस भर्ती से जुड़े सभी मामलों का फैसला सुनाया था। पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह केवल मूल सूची/पहली सूची (कट-ऑफ तिथि तक सभी योग्यता रखने वाले) के उम्मीदवारों को पात्र मानें।
शिक्षकों ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को 38 दिन बीत चुके हैं, फिर भी इसे लागू नहीं किया गया।