नूरपुर, 17 अगस्त राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पांच या पांच से कम विद्यार्थियों वाले सरकारी प्राथमिक विद्यालयों (जीपीएस) को निकटवर्ती जीपीएस में विलय करने तथा शून्य नामांकन वाले स्कूलों को बंद करने के निर्णय के फलस्वरूप आने वाले दिनों में कांगड़ा जिले के ज्वाली उपमंडल में छह जीपीएस को अन्य स्कूलों में विलय किया जाएगा तथा एक स्कूल को बंद किया जाएगा।
राज्य शिक्षा विभाग ने हाल ही में ब्लॉक एलीमेंट्री एजुकेशन ऑफिस (बीईईओ), जवाली के स्थानीय अधिकारियों से इस संबंध में जमीनी रिपोर्ट ली। जानकारी के अनुसार, जंद्रोह, बनारा, छतवाना और जैसार के स्कूलों में पांच-पांच छात्र हैं, जबकि भगलाहर और भधेला स्कूलों में क्रमश: चार और दो छात्र हैं।
इन सभी स्कूलों का संभवतः निकटवर्ती जी.पी.एस. में विलय कर दिया जाएगा।
चूंकि सोहरा के स्कूल में किसी भी बच्चे ने दाखिला नहीं लिया है, इसलिए शिक्षा विभाग इसे बंद कर सकता है। इस फैसले से इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों में चिंता पैदा हो गई है। अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को पास के स्कूलों से 1-2 किलोमीटर दूर के स्कूलों में जाना पड़ सकता है। कुछ अभिभावकों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में आवारा और लावारिस जानवरों और बंदरों के बढ़ते खतरे के कारण अपने बच्चों को दूर के स्कूलों में भेजना जोखिम भरा हो सकता है।
ज्वाली बीईईओ खंड अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार पांच या इससे कम विद्यार्थियों वाले तथा शून्य नामांकन वाले स्कूलों की सूची भेज दी गई है तथा विभाग इस संबंध में आगामी कार्रवाई करेगा।