हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) को बिजली उत्पादन में भारी कमी के कारण विभिन्न सबस्टेशनों पर लोड-शेडिंग के उपाय लागू करने पड़े हैं। पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के बाद, भारी मात्रा में गाद जमा होने से कई जलविद्युत परियोजनाएँ प्रभावित हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप 21 जुलाई को लगभग 650 मेगावाट बिजली की कमी होने का अनुमान है।
बिजली उत्पादन में अचानक आई कमी, रियल-टाइम बाज़ार में पर्याप्त बिजली की अनुपलब्धता के कारण और भी बदतर हो गई है। एचपीएसईबीएल के प्रवक्ता अनुराग पाराशर ने कहा, “करीब 1,500 मेगावाट की माँग के मुकाबले, हमें रियल-टाइम बाज़ार से सिर्फ़ 100 से 200 मेगावाट ही मिल पा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि इस वजह से बोर्ड को माँग पूरी करने के लिए ग्रिड से लगभग 700 मेगावाट अतिरिक्त बिजली लेनी पड़ी।
कम आवृत्ति के कारण ग्रिड सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था, जिसके कारण एचपीएसईबीएल को बिजली व्यवस्था को स्थिर करने के लिए कदम उठाने पड़े। एचपीएसईबीएल ने इस गंभीर स्थिति से निपटने और ग्रिड सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सबस्टेशनों पर लगभग 600 मेगावाट तक की लोड-शेडिंग के उपाय लागू किए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि एचपीएसईबीएल सामान्य उत्पादन स्तर बहाल करने और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, “सोमवार आधी रात के बाद स्थिति स्थिर हो गई थी। हालाँकि, अगर भारी बारिश जारी रही और गाद जमा हो गई, तो हमें फिर से समस्या का सामना करना पड़ सकता है।”
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