June 7, 2025
Uttar Pradesh

अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर के आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 3 से 5 जून तक, आवश्यक भीड़ से बचने की अपील

Prana Pratishtha of eight temples of Ram Janmabhoomi complex in Ayodhya will be held from 3 to 5 June, appeal to avoid unnecessary crowd

अयोध्या, 4 जून । अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के पहले चरण का एक महत्वपूर्ण अध्याय इस सप्ताह पूरा होने जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने जानकारी दी कि मंदिर परिसर के प्रथम तल पर स्थित राम दरबार और अन्य देवी-देवताओं के आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 3 से 5 जून के बीच संपन्न होगी।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि पांच जून को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आकर अनावश्यक परेशानी में न फंसें। चंपत राय के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जिन देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा होगी, उनमें शिवलिंग, गणपति, हनुमान जी, सूर्य देव, भगवती, अन्नपूर्णा, शेषावतार और श्रीराम दरबार प्रमुख हैं। तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान की शुरुआत 3 जून से होगी, जबकि मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजन 5 जून को दोपहर 11:25 बजे निर्धारित है। इसके पश्चात लगभग एक बजे भोग आरती संपन्न होगी।

गौरतलब है कि 5 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व भी है, और संयोगवश यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है। चंपत राय ने इस संयोग को अनायास और दैवीय विधान बताया। पूरे आयोजन में वैदिक रीति से पूजा-पाठ कराने के लिए देशभर से आए कुल 101 वैदिक आचार्य भाग लेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों की शुरुआत प्रतिदिन प्रातः 6:30 बजे से होगी। इससे पहले, 2 जून को सरयू नदी के तट से एक कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं शामिल रहीं।

यह यात्रा सरयू तट से लता चौक, रामपथ, श्रृंगार हाट, हनुमानगढ़ी बाजार, दशरथ महल और रामकोट बैरियर होते हुए रंगमहल बैरियर से यज्ञ स्थल तक पहुंची। चंपत राय ने अपील की है कि यह आयोजन मुख्यतः पूजन केंद्रित है और मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं रखा गया है।

उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अयोध्या केवल अपनी सुविधानुसार आएं और 5 जून को होने वाले कार्यक्रम में अनावश्यक भीड़ से बचें। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आमंत्रण आधारित नहीं है। यह सभी के लिए खुला है, लेकिन हम सभी से अपेक्षा करते हैं कि वे संयम, श्रद्धा और अनुशासन के साथ आएं।

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