अंबाला, 8 अगस्त राज्य सरकार पर निजी स्कूल संचालकों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए निजी स्कूल निकाय ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ अभियान छेड़ने की धमकी दी है।
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन 10 अगस्त को अंबाला शहर में शिक्षक महा आक्रोश रैली आयोजित कर अपना विरोध जताएगा तथा सरकार का विरोध करने का आह्वान करेगा।
राज्य स्तरीय रैली में महासंघ हरियाणा के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए शिक्षा वाउचर का लंबित मुद्दा भी उठाएगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए महासंघ के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा, “निजी स्कूल संचालक अपनी जायज समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार इन समस्याओं को हल करने की कोई मंशा नहीं दिखा रही है। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के कार्यकाल में सरकार ने समस्याओं के समाधान के लिए निजी स्कूल संघों के साथ नियमित बैठकें करने के लिए एक समिति गठित की थी, लेकिन कुछ समय बाद ही पत्र वापस ले लिया गया। हमने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और हरियाणा के अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को बार-बार ज्ञापन सौंपे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा कि स्कूल संचालक ही नहीं बल्कि बच्चे भी भेदभाव का सामना कर रहे हैं। एक तरफ सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील, किताबें व अन्य सुविधाएं देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार निजी स्कूलों की बसों पर खेल फंड व यात्री कर वसूल रही है। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली के नियम 134-ए, सीएम हरियाणा समान शिक्षा राहत सहायता व अनुदान योजना (चीराग) व बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए मिलने वाली प्रतिपूर्ति लंबित पड़ी हुई है।
सरकार को बकाया राशि जारी करनी चाहिए, स्कूली बसों को यात्री कर से मुक्त करना चाहिए और साथ ही प्लेज मनी, संपत्ति कर, मान्यता और उन्नयन और लीज डीड के मुद्दों में भी राहत देनी चाहिए। राज्य में करीब 20,000 निजी स्कूल और प्लेवे हैं और सरकार को उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान करना चाहिए। शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल संचालकों में आक्रोश की भावना पनप रही है और अगर जल्द ही मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो एसोसिएशन भाजपा का विरोध करने का आह्वान करेगी।