N1Live Entertainment महिला किरदारों में आए बदलाव पर बोलीं प्रिया बापट, ‘अब रोल में सिर्फ ग्लैमर नहीं, गहराई भी होती है’
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महिला किरदारों में आए बदलाव पर बोलीं प्रिया बापट, ‘अब रोल में सिर्फ ग्लैमर नहीं, गहराई भी होती है’

Priya Bapat spoke on the change in female characters, 'Now the roles do not just have glamour, they also have depth'

एक समय था जब फिल्मों में महिला किरदारों को सीमित दायरे में दिखाया जाता था, किसी की पत्नी, मां या प्रेमिका के किरदारों में। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। फिल्मों के साथ-साथ अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स भी महिला कलाकारों को दमदार भूमिकाओं में दिखा रहे हैं। साथ ही उन्हें अपने अभिनय का असली हुनर दिखाने का मंच भी दे रहे हैं। इसी बदलाव की एक शानदार मिसाल हैं अभिनेत्री प्रिया बापट, जो अपने नए शो ‘अंधेरा’ के जरिए एक बार फिर चर्चा में हैं।

बीते 20 सालों से हिंदी और मराठी सिनेमा में सक्रिय प्रिया बापट ने फिल्मों में कई यादगार किरदार निभाए हैं। लेकिन उनका मानना है कि ओटीटी पर उन्हें वह आजादी और चुनौती मिली है, जिसकी एक कलाकार को हमेशा तलाश होती है। महिला किरदारों में आए बदलाव को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी और कहा कि अब पर्दे पर सिर्फ ग्लैमर नहीं होता, महिला किरदारों में गहराई भी होती है।

आईएएनएस से बात करते हुए प्रिया ने कहा, ”ओटीटी एक ऐसी जगह है जहां आपको किरदार की गहराई को समझने और निभाने का पूरा मौका दिया जाता है।”

वेब सीरीज ‘सिटी ऑफ ड्रीम्स’ से लेकर अब ‘अंधेरा’ तक, उनका सफर लगातार ऊंचाइयों की ओर बढ़ता दिख रहा है।

बता दें कि ‘अंधेरा’ एक साइकोलॉजिकल-हॉरर थ्रिलर है, जिसमें प्रिया एक पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर कल्पना कदम की भूमिका में नजर आ रही हैं। मुंबई की पृष्ठभूमि में बनी यह कहानी एक लापता शख्स के केस से शुरू होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह केस एक डरावने रहस्य में बदल जाता है।

इस सीरीज में प्रिया के साथ-साथ सुरवीन चावला और प्राजक्ता कोली भी अहम भूमिकाओं में नजर आ रही हैं। शो का राघव दर ने निर्देशन किया है और इसका निर्माण एक्सेल एंटरटेनमेंट ने किया है। यह सीरीज प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है।

ओटीटी को लेकर प्रिया का कहना है, ”ओटीटी पर महिलाओं के लिए अच्छे और मजबूत किरदार लिखे जा रहे हैं। अब सिर्फ ग्लैमर नहीं, किरदारों में गहराई भी होती है। अब महिलाओं को केंद्र में रखकर कहानियां बनाई जा रही हैं। यह एक ऐसा मंच है, जहां कलाकारों को कुछ नया करने की आजादी मिलती है और दर्शकों के सामने अलग-अलग कहानियों के विकल्प भी होते हैं।”

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