नाहन, 20 जून नाहन में आज सुबह तनाव बढ़ गया जब उत्तर प्रदेश के एक युवक द्वारा कथित तौर पर गौहत्या की तस्वीरें व्हाट्सएप पर प्रसारित की गईं। अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और यहां छोटा चौक बाजार में कपड़े की दुकान चलाने वाले इस युवक ने ये तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिसके बाद विभिन्न संगठनों और स्थानीय व्यापारियों में व्यापक रोष फैल गया।
इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और सैकड़ों गुस्साए प्रदर्शनकारी सुबह बड़ा चौक पर एकत्र हुए और छोटा चौक तक मार्च किया, जहां उन्होंने युवकों की दो दुकानों में तोड़फोड़ की और कपड़ों का सामान सड़क पर फेंक दिया।
इसके बाद उन्होंने युवक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और और अधिक प्रदर्शन किए। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, लेकिन शहर के मुख्य बाजार, जिनमें बड़ा चौक, छोटा चौक और कच्चा टैंक शामिल हैं, बंद रहे।
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए डिप्टी कमिश्नर (डीसी) कार्यालय तक मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्य द्वार पर ही रोक दिया। इससे सड़क जाम हो गई और सभी वाहनों की आवाजाही रुक गई। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और पुलिस की तीखी आलोचना की और संदिग्ध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
स्थिति बिगड़ने पर डीसी और एसपी, जो जिला शिकायत निवारण बैठक में भाग ले रहे थे, प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने के लिए वहां से चले गए।
हालांकि, प्रदर्शनकारी आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। एसपी ने उन्हें पूरी जांच का आश्वासन दिया और कहा कि युवक के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और टावर लोकेशन का विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उसकी मौजूदगी सोलन जिले में पाई गई तो एफआईआर दर्ज की जाएगी और उसे गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम भेजी जाएगी।
प्रदर्शनकारियों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर बाहरी लोगों, खासकर उत्तर प्रदेश से आने वालों की कड़ी जांच की मांग की। उन्होंने बिना उचित परमिट के सिरमौर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि किराएदारों से जुड़ी किसी भी घटना के लिए संपत्ति मालिकों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इस बीच, अंजुमन इस्लामिया संगठन ने भी आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा की।
स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया, जबकि खुफिया एजेंसियां घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही थीं। बाद में तनाव कम होने लगा, लेकिन फिर से अशांति फैलने का डर अभी भी बना हुआ है।