एसजीपीसी सदस्य करनैल सिंह पंजोली के नेतृत्व में सिख संगठनों के सदस्यों ने आज सजा पूरी करने के बाद भी जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई और सांसद अमृतपाल सिंह के लिए विरोध मार्च निकाला।
यह मार्च गुरुद्वारा ज्योति स्वरूप साहिब में मत्था टेकने के बाद शुरू हुआ और गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में समाप्त हुआ, जहां इस संबंध में ‘अरदास’ की गई।
पंजोली ने कहा कि सरकार दावा करती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जहां लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाता है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जेल से भी भारी अंतर से लोकसभा चुनाव जीतने वाले अमृतपाल को अभी तक रिहा नहीं किया गया और न ही सांसद के रूप में शपथ दिलाई गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सिखों के साथ दोहरा मापदंड नहीं अपनाना चाहिए।
पंजोली ने पंजाब से लोकसभा के सभी निर्वाचित सदस्यों से अपील की कि वे अमृतपाल की रिहाई के लिए आवाज उठाएं, जिन्हें संसद में जनता के मुद्दे उठाने के लिए भारी बहुमत से चुना गया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल और उनके साथियों के अलावा जत्थेदार जगतार सिंह हवारा, जगतार सिंह तारा, गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह और बलवंत सिंह राजोआना को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए।
शिअद (ब) के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह लिबड़ा ने कहा कि अगर सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसे काले कानूनों को वापस नहीं लिया और अमृतपाल और उसके साथियों को रिहा नहीं किया तो वे अपना संघर्ष तेज करेंगे।