आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को भाजपा पर उसके शासित राज्यों में ‘‘जाति-आधारित भेदभाव’’ के लिए उपयुक्त परिस्थितियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि यहां तक कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।
यह आरोप हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या करने के तीन दिन बाद आया है। अधिकारी ने अपने नोट में जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाया था।
भाजपा पर हमला करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री और आप नेता हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी ने अपने शासित राज्यों में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ जाति-आधारित भेदभाव और अत्याचार का माहौल बनाया है।
चीमा ने कहा कि अधिकारी द्वारा छोड़े गए नोट में “भयावह खुलासे” की ओर इशारा किया गया है, जिसमें हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वर्षों से जारी “जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का विवरण दिया गया है। यहाँ एक प्रेस विज्ञप्ति में, चीमा ने कहा कि अधिकारी के नोट में कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों का नाम लिया गया है, जिन्होंने “जाति-आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, लक्षित मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार जारी रखने की सुनियोजित साजिश” रची थी।