March 31, 2025
Punjab

पंजाब सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएयू को 40 करोड़ रुपये का अनुदान दिया

कृषि अनुसंधान और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के परिवर्तनकारी योगदान को स्वीकार करते हुए, पंजाब सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष 2025-26 के बजट में 40 करोड़ रुपये का पर्याप्त पूंजी अनुदान निर्धारित किया है।

यह धनराशि विशेष रूप से पीएयू में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निर्धारित की गई है, जिससे इसके अनुसंधान, शिक्षण और विस्तार (आरटीई) कार्यक्रमों को मजबूती मिलेगी। यह आवंटन राज्य में कृषि शिक्षा और नवाचार को आगे बढ़ाने की दिशा में सरकार की महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आवंटन के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए, पीएयू के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने शिक्षा और किसानों के कल्याण के प्रति सरकार के समर्पण की सराहना की।

उन्होंने विश्वविद्यालय की बुनियादी ढांचागत जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान और वित्त मंत्री सरदार हरपाल सिंह चीमा की हार्दिक सराहना की।

डॉ. गोसल ने पुष्टि की कि छह दशकों से अधिक के अग्रणी योगदान के साथ, पीएयू इस अनुदान का लाभ आवश्यक सुविधाओं को आधुनिक बनाने और उन्नत करने के लिए उठाएगा, जिससे इसके छात्रों, शिक्षकों और हितधारकों के लिए अधिक अनुकूल सीखने और रहने का माहौल सुनिश्चित हो सके। डॉ. गोसल ने विस्तार से बताया कि 40 करोड़ रुपये के अनुदान को पूरे विश्वविद्यालय में प्रमुख बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा।

धनराशि का एक बड़ा हिस्सा सड़कों के विस्तार, ट्यूबवेल जल और सीवरेज लाइनें बिछाने तथा नए छात्रावासों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और शौचालयों के निर्माण के लिए समर्पित किया जाएगा।

इस आवंटन से आवासीय परिसरों, अतिथि गृहों, छात्रावासों, विश्वविद्यालय अस्पताल, ऑडिटोरियम और कार्यालय स्थलों के नवीनीकरण के साथ-साथ विद्युत प्रणालियों, लिफ्ट स्थापनाओं, सीसीटीवी निगरानी और अन्य महत्वपूर्ण संवर्द्धन में महत्वपूर्ण उन्नयन में भी मदद मिलेगी।

कृषि शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए नव स्थापित स्कूल ऑफ डिजिटल इनोवेशन फॉर स्मार्ट एग्रीकल्चर (एस-डीआईएसए) के बुनियादी ढांचे को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, जियोस्पेशियल इंटेलिजेंस और स्पेक्ट्रोस्कोपी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुदृढ़ किया जाएगा।

सतत कृषि के लिए उत्कृष्टता केंद्र में भी बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा, जिससे ज्ञान के प्रसार और संसाधन-कुशल खेती में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए विशेष क्लस्टरों का निर्माण किया जाएगा।

प्रमुख सुविधाएं जैसे कि हाई थ्रूपुट जीनोमिक्स और फेनोमिक्स सुविधा, पीएयू जीन बैंक, एक्वीफर मॉनिटरिंग और जल प्रबंधन सुविधा, जैव और नवीकरणीय ऊर्जा केंद्र, जलवायु स्मार्ट फसल प्रणाली केंद्र, उन्नत पैकेजिंग और गुणवत्ता मूल्यांकन सुविधा, फोर्टिफाइड और न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद विकास केंद्र, मार्केट इंटेलिजेंस सेल, एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन हब और विस्तारित आउटरीच सेवाएं इन पहलों को और अधिक समर्थन प्रदान करेंगी।

अनुदान का उपयोग शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए भी किया जाएगा, जिसमें कक्षाओं और प्रयोगशाला सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा तथा उन्हें अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा।

इन विकासों से अकादमिक अनुभव काफी समृद्ध होगा, कुशल पेशेवरों का विकास होगा और समकालीन कृषि चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालय की क्षमता में काफी वृद्धि होगी, जिससे टिकाऊ कृषि की दिशा में एक परिवर्तनकारी बदलाव आएगा।

डॉ. गोसल ने अनुसंधान और शिक्षा के उच्च मानकों को कायम रखने तथा कृषि समुदाय को दूरदर्शी समाधानों के साथ सेवा प्रदान करने की पीएयू की प्रतिबद्धता दोहराई।

यह रणनीतिक निवेश कृषि परिवर्तन और स्थिरता की आधारशिला के रूप में पीएयू की भूमिका की पुष्टि करता है, तथा भावी पीढ़ियों के लिए इसके प्रभाव को जारी रखना सुनिश्चित करता है।

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