March 4, 2025
Punjab

पंजाब सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए 3 महीने की समय सीमा तय की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को नशे की बुराई के खिलाफ मुहिम का ऐलान करते हुए पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और सीनियर पुलिस अधीक्षकों को आगामी तीन महीनों में पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए कहा।

पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक में विचार-विमर्श में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है और इस खतरे के खिलाफ अभियान शुरू कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का कानून व्यवस्था की खराब स्थितियों से निपटने का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखेगी और आम जनता के सक्रिय समर्थन और सहयोग से राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाएगी।

भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने तथा दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष अदालतें स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है तथा उन्होंने इस नेक कार्य के लिए पुलिस और नागरिक प्रशासन को पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में निवारक उपाय किए जाने चाहिए ताकि युवा नशे की लत के शिकार न हों।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशों की सप्लाई लाइन को तोड़ा जाना चाहिए और नशा बेचने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि नशा तस्करों और उनके परिवारों को सरकार की ओर से मुफ्त बिजली, पानी और अन्य के रूप में किसी भी प्रकार की सब्सिडी न मिले, ताकि यह अपराधियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक औपचारिकताओं को शीघ्र ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि नशा तस्करों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम में किसी और संशोधन की आवश्यकता होगी तो इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के विरूद्ध युद्ध को एक व्यापक और सामाजिक अभियान में परिवर्तित किया जाना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों को एक बड़ी कार्रवाई की योजना बनानी चाहिए।

नारंगवाल गांव का उदाहरण देते हुए, जहां गुरुवार शाम को नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था, भगवंत सिंह मान ने कहा कि शामलात भूमि पर पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा, जहां घर को ध्वस्त कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस स्थान पर नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं, उसे ज्ञान साझा करने के स्थान में परिवर्तित किया जाएगा ताकि युवाओं को नशे के प्रति जागरूक किया जा सके।

उन्होंने फील्ड अफसरों को भरोसा दिलाया कि नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने में उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ जंग जीती है और अब भी सभी अफसर नशे की समस्या को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई को सूक्ष्म स्तर पर योजना और क्रियान्वयन के माध्यम से जीता जाना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में निर्देशित करने के लिए पहले से ही ठोस प्रयास कर रही है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह एक असाधारण युद्ध है और राज्य सरकार तथा विशेष रूप से प्रत्येक अधिकारी द्वारा अनोखे पहलकदमियां और कदम उठाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने पुलिस आयुक्तों (सीपी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) सहित पुलिस अधिकारियों से कहा कि तीन महीने के भीतर किसी भी जिले में नशीली दवाओं की उपलब्धता नहीं रहनी चाहिए और एक महीने के बाद जिले में नशा विरोधी कार्यक्रम की प्रगति के आधार पर प्रत्येक एसएसपी का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जवाबदेह होंगे और काम न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एएनटीएफ ने इस सम्बन्ध में सूची पहले ही उपलब्ध करवा दी है। भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों से कहा कि बड़ी मात्रा में/मध्यम मात्रा में मामलों में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जमानत का पुरजोर विरोध किया जाए।

मुख्यमंत्री ने एन.डी.पी.एस. मामलों में चालान समय पर प्रस्तुत करने तथा एन.डी.पी.एस. मामलों में रासायनिक रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि जिलों में नशीली दवाओं के ओवरडोज से होने वाली मौतों के सभी मामलों में व्यापक जांच तथा कार्रवाई की जानी चाहिए।

भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि नशों की तस्करी को रोकने के लिए दिन और रात दोनों समय वाहनों की गहन जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए। एक अन्य मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने नशों के सेवन/प्रचार में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इसी तरह उन्होंने कहा कि नशा तस्करी के दोषियों की संपत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक मात्रा के मामलों में 100 प्रतिशत संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने कहा कि वाणिज्यिक मात्रा के मामलों में अवैध संपत्तियों को 100 प्रतिशत ध्वस्त किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपीज़ को कहा कि नशीले पदार्थों के हॉटस्पॉट की पहचान सख्ती से की जानी चाहिए और हर हॉटस्पॉट क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर पखवाड़े और साप्ताहिक आधार पर जेलों में सीएएसओ ऑपरेशन किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट इलाकों में दिन-रात (24×7) व्यापक डोमिनेशन अभियान चलाया जाना चाहिए, जिसमें नशीले पदार्थों की बरामदगी पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर कोई नशा तस्कर पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसके साथ बहुत सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से नशामुक्ति और रोकथाम रणनीतियों को लागू करने के लिए मिलकर काम करने को कहा।

उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि वे सभी नशा मुक्ति, पुनर्वास और ओ.ओ.ए.टी. केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करें, चाहे वे सरकारी हों या निजी। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में पर्याप्त मानव संसाधन (मनोचिकित्सक, काउंसलर और अन्य) तथा टेस्टिंग किट, दवाइयाँ, सुरक्षा (सुरक्षा कर्मचारी/सी.सी.टी.वी.), स्वच्छता और अन्य बुनियादी ढाँचे होने चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि डिप्टी कमिश्नरों को मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण उत्पन्न होने वाली आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए और केमिस्ट की दुकानों की नियमित जाँच सुनिश्चित करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि नशे की ओवरडोज से हुई मौतों के मामले में एसडीएम/फील्ड अधिकारी पीड़ितों के घरों और सामान्य रूप से नशे की लत के शिकार लोगों के परिवारों से मिलें ताकि इस समस्या को समाप्त किया जा सके।

उन्होंने स्कूली पाठ्यक्रम में नशे के विरुद्ध पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने डीसी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि नशे की ओवरडोज से हुई प्रत्येक मौत के मामले में मुख्यमंत्री राहत कोष से राहत प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे नशे की लत से पीड़ित परिवारों को परामर्श और सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करें, साथ ही व्यापक संपर्क कार्यक्रम भी शुरू करें।

उन्होंने उपायुक्तों से नशे की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर स्कूल शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, रोजगार और कौशल विकास विभागों की भूमिकाओं में समन्वय स्थापित करने को कहा।

भगवंत सिंह मान ने उपायुक्तों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में हर महीने जनसभाओं/शिविरों, सेमिनारों, साइकिल रैलियों, मानव श्रृंखलाओं, खेल आयोजनों, कौशल विकास कार्यक्रमों के रूप में नशे के खिलाफ जनसंचार कार्यक्रम आयोजित करना सुनिश्चित करें।

Leave feedback about this

  • Service