October 24, 2024
National

राहुल और उनकी टोली ने कांग्रेस पार्टी का पिंडदान कर दिया : आचार्य प्रमोद कृष्णम

गाजियाबाद, 24 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने मैदान में नहीं उतरने का फैसला लिया है। इस पर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी और उनकी टोली ने पूरी कांग्रेस पार्टी का पिंडदान कर दिया।

इसके साथ ही आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपना झंडा और निशान समाजवादी पार्टी (सपा) को सौंप देना चाहिए। लखनऊ में कांग्रेस को अपना दफ्तर बंद कर सपा के साथ मर्ज हो जाना चाहिए।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के यूपी में उपचुनाव नहीं लड़ने के आईएएनएस के सवाल पर कहा कि उत्तर प्रदेश पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी तक की कर्म भूमि रही है। यूपी वह प्रदेश है, जिसने देश को दिशा दी है, ऐसे महान प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का राहुल गांधी ने पिंडदान कर दिया। राहुल गांधी और उनकी जो टोली है, चांडाल- चौकड़ी है। उन्होंने पूरी कांग्रेस पार्टी का पिंडदान कर दिया और यह फैसला ले लिया कि अब उपचुनाव नहीं लड़ेंगे। तो, फिर झंडा और निशान ये भी समाजवादी पार्टी को सौंप देना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ में कांग्रेस पार्टी का जो दफ्तर है, उसको भी बंद कर देना चाहिए और पूरी पार्टी को समाजवादी पार्टी में मर्ज कर देना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि महात्मा गांधी का सपना पूरा कर देना चाहिए। बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इंदिरा गांधी की आत्मा आज रो रही होगी कि बड़ी मेहनत, शिद्दत और भावनाओं से करोड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को खड़ा किया। लेकिन, कांग्रेस पार्टी का इतना बुरा हाल, दुर्दशा और पतन उनके पोते ने कर दिया।

केरल की वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामे का जिक्र करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि बड़े लोगों के पास बड़ी संपत्ति होती है, अगर बिजनेस से धन आता है, तो उस पर क्या आपत्ति है, अगर बिजनेस से धन आता है तो उस धन को गलत तो नहीं कहा जाएगा। संपत्ति होना ना होना तो एक निजी मसला है और इनकम टैक्स का विषय है। संपत्ति कैसे अर्जित की है, यह बड़ा विषय है। अगर संपत्ति व्यापार से आई है, तो मुझे इस पर कुछ नहीं कहना।

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