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राहुल गांधी को संभल जाने का फैसला ‘इंडिया’ ब्लॉक के साथ बैठक करके लेना चाहिए था : तृणमूल कांग्रेस

Rahul Gandhi should have taken the decision to be careful after meeting with 'India' block: Trinamool Congress

कोलकाता, 4 दिसंबर । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को उत्तर प्रदेश के हिंसाग्रस्त संभल की यात्रा पर निकले थे, हालांकि सीमा पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया। पहले खबर आई थी कि राहुल गांधी ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं के साथ संभल का दौरा करेंगे, लेकिन राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ संभल के लिए निकले थे। इस पर तृणमूल कांग्रेस के नेता बैसवानोर चटर्जी ने कहा सामूहिक नेतृत्व जो भी फैसला लेता है, वह सभी से बात करके लेना होता है।

बैसवानोर चटर्जी ने आईएएनएस से कहा, “हम सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं। सामूहिक नेतृत्व जो भी फैसला लेता है, वह सभी से बात करके लेना होता है। इसलिए अगर वह अकेले फैसला लेता है, किसी और से बात नहीं की, तो यह सही नहीं है। अगर बात सिर्फ कांग्रेस की है, तो हम कुछ नहीं कह सकते, लेकिन अगर बात ‘इंडिया’ ब्लॉक की है, तो तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों से बात करके सामूहिक फैसला लेना चाहिए। अगर साथ मिलकर फैसला नहीं लिया गया, तो ‘इंडिया’ ब्लॉक का कदम कमजोर हो जाएगा। सभी को साथ मिलकर एक फैसला लेना होगा।”

आगे उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर कहा, “भारत एक अलग देश है और बांग्लादेश एक अलग देश है। शेख हसीना बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री थीं। अब कोई दूसरा व्यक्ति कार्यवाहक सरकार का प्रमुख है। वहां जो कुछ भी हो रहा है, वह बहुत बुरा है, यह गलत हो रहा है। वहां हिंदू ही नहीं, ईसाई, बौद्ध सभी पर अत्याचार हो रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। हम शेख हसीना और यूनुस के झगड़े में नहीं पड़ेंगे। हम चाहते हैं कि अल्पसंख्यक वहां अच्छे से रहें। हम केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करेंगे। लेकिन इस मामले पर प्रधानमंत्री का अभी तक एक बयान भी नहीं आया है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह का भी कोई बयान नहीं आया है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र में मामले को ले जाए और शांति वाहिनी भेजे। हम भारत सरकार के सामने इस बात को उठाएंगे।”

नोएडा में किसानों के धरने पर उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में किसान इतने लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। भाजपा के शासन में कितने किसान मारे गए हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे और उन्हें पूरा करे। उन्हें धरना करते बहुत समय हो गया, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर ठीक से काम नहीं कर पाई।”

इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा दिल्ली में मुफ्त बिजली-पानी के देने के वादे पर कहा, “यह दिल्ली का मामला है। पश्चिम बंगाल में बिजली की दर दूसरे राज्यों से कम है। अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो मतदाता यह सोचकर वोट देंगे कि चुनाव जीतने के बाद वे अपना वादा पूरा करेंगे। हम चाहते हैं कि आम लोग खुश रहें।”

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