पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आज कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री स्वर्गीय सरदार बूटा सिंह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के माध्यम से अपनी जातिवादी (मनुवादी) मानसिकता का खुलासा किया है।
यहां जारी एक बयान में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राजा वड़िंग ने अपने वीडियो में जिस व्यक्ति को पाथे पौण वाला कहकर मजाक उड़ाया है, उसके पास बीए (ऑनर्स), एमए और पीएचडी की शैक्षणिक योग्यता है और उसने 1962 में 25 वर्ष की छोटी उम्र में संसद सदस्य बनने से पहले पत्रकारिता सहित विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों में काम किया है।
हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा, “राजा वारिंग की रंग-आधारित टिप्पणियां भारतीय संविधान की भावना का उल्लंघन हैं”, उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां देश की अनुसूचित जातियों के प्रति वारिंग की मानसिकता को उजागर करती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से दलित विरोधी रही है और डॉ. बी.आर. अंबेडकर का विरोध करने का उसका लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी एक बार विधानसभा में लाए जा रहे “सामग्री” पर सवाल उठाकर एक दलित विधायक के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी।
हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि भारत का अनुसूचित जाति समुदाय सदैव डॉ. बीआर अंबेडकर का ऋणी रहेगा, जिन्होंने संविधान के माध्यम से उन्हें समानता का अधिकार प्रदान किया, अन्यथा राजा वारिंग जैसे नेता कभी भी दलितों को आगे बढ़ने और प्रगति करने की अनुमति नहीं देते।

