धौलपुर (राजस्थान), 8 अगस्त। राजस्थान के धौलपुर में गंगाबाई की बगीची में महिलाओं ने बुधवार को पूरे धूमधाम से हरियाली तीज मनाई। इस दिन पर खास तरह से सजी-धजी महिलाओं ने सहेलियों के साथ जमकर मस्ती की।
इस दिन को खास बनाने के लिए महिलाओं ने झूला झूला और सावन के गीत तथा मल्हार गाए। साथ ही एक-दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। हर पारंपरिक त्योहार के साथ अब सेल्फी का नया आयाम जुड़ गया है। महिलाओं ने जमकर सेल्फी ली।
इस दिन में और रंग भरने के लिए महिलाओं ने जमकर डांस किया। इस दौरान महिलाएं और युवतियां काफी उत्साहित नजर आईं।
तीज उत्सव में भाग लेने आई एक महिला पुष्पा परमार ने कहा, “आज हम गंगाबाई की बगीची में इस जश्न में शामिल होने आए हैं। सभी सखियों ने यहां जमकर मस्ती की। महिलाओं ने तीज के गीत और भजन गाकर यह पर्व मनाया।”
एक अन्य महिला रेणू सक्सेना ने बताया, “आज हम यहां तीज मनाने के लिए आई हैं। हमने जमकर मस्ती की और झूले झूले। साथ ही हमने भगवान का ध्यान करने के लिए कीर्तन का भी आयोजन किया।”
हरियाली तीज का अपने आप में एक विशेष महत्व है। सभी लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। कई लोग इस दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती का पूजन करते हैं, तो कहीं कई तरह के आयोजन होते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं उपवास रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती है।
यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं।
इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है। गांवों में यह पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मायके वाले अपनी बेटी के घर सावन का सिंधारा भेजते हैं। सास अपनी बहुओं को इस दिन विशेष तरह का उपहार देती हैं।
हरियाली तीज के पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं, इसलिए इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं। कई जगहों पर कुंवारी कन्या भी इस दिन उपवास रखती हैं, ताकि वे योग्य वर पा सकें।
हरियाली तीज हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरु और ब्रज अंचल में विशेष रूप से मनाई जाती है।
इस दिन घरों में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इनमें खीर और मालपुआ शामिल हैं। एक खास तरह की मिठाई ‘घेवर’ विशेष रूप से तीज के पर्व पर ही बनाई जाती है।