May 16, 2025
Haryana

रवनीत बिट्टू ने पीएम मोदी से की मुलाकात; पंजाब-हरियाणा जल विवाद पर चर्चा

Ravneet Bittu met PM Modi; Punjab-Haryana water dispute discussed

केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर पंजाब से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

40 मिनट की बैठक के दौरान सीमावर्ती राज्य के लिए पानी की कमी, सिंधु जल संधि के निलंबन से पंजाब को मिलने वाले लाभ की संभावनाओं, दोआबा और माझा क्षेत्रों के लिए नहर प्रणालियों के निर्माण की व्यवहार्यता और आगामी लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के मुद्दे पर चर्चा हुई।

समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने बिट्टू से लुधियाना पश्चिम विधानसभा के परिदृश्य के बारे में पूछा, जहां भाजपा ने 2024 के आम चुनाव में अधिकतम वोट हासिल किए थे। भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का इंतजार कर रही है।

भाखड़ा जल बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद के बीच, बिट्टू ने इस बात पर चर्चा की कि क्या सिंधु की पश्चिमी सहायक नदियों का पानी पंजाब की ओर मोड़ा जा सकता है।

सूत्रों ने बताया, “चूंकि संधि निलंबित कर दी गई है, इसलिए चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि क्या हम अतिरिक्त जल को पंजाब की ओर मोड़ने के तरीके खोज सकते हैं।” बिट्टू ने कहा कि मालवा की तरह दोआबा और माझा क्षेत्रों को भी नहर सिंचाई प्रणालियों के नेटवर्क से कवर किया जाना चाहिए।

उन्होंने प्रधानमंत्री से अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए पंजाब के लोगों के मानदंडों में ढील देने का अनुरोध किया। एक सूत्र ने बताया कि बंदी सिखों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

बाद में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बिट्टू ने कहा, “भारत की पाकिस्तान पर हाल ही में हुई जीत पर अपनी खुशी साझा की और कठिन परिस्थितियों को शालीनता और दृढ़ संकल्प के साथ संभालने में प्रधानमंत्री के अनुकरणीय नेतृत्व की सराहना की। पंजाब के विकास के लिए प्रमुख पहलों पर चर्चा की, जिसमें हमारे राज्य के विकास और समृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के वर्तमान धार्मिक और राजनीतिक परिदृश्य तथा आगे की राह पर भी अपने विचार साझा किए।

बिट्टू ने कहा, “बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री को दो पुस्तकें भेंट कीं – ‘गुरु नानक का धन्य मार्ग’ और ‘स्वर्ण मंदिर’ – दोनों ही सिख धर्म के सार और गुरु नानक की शिक्षाओं का प्रतीक हैं।”

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