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आरक्षण विरोधी, दलित विरोधी पार्टियों को खारिज करें: मायावती

Reject anti-reservation, anti-Dalit parties: Mayawati

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को लोगों से इनेलो-बसपा गठबंधन को जिताने का आह्वान करते हुए कांग्रेस और भाजपा पर आरक्षण खत्म करने की कोशिश करने और दलित व गरीब विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण जारी रखने और गरीबों पर हो रहे शोषण व अत्याचार को खत्म करने के लिए राजनीतिक बदलाव की जरूरत है।

पृथला में एक रैली में बोलते हुए मायावती ने अपने भाषण में आरक्षण और अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और गरीबों के शोषण के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से वह आरक्षण के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, जिसमें आरक्षण “अप्रभावी” हो गया है और कोई भी मुख्य पार्टी इसके खिलाफ़ संसद में विधेयक लाने के लिए आगे नहीं आई।

भाजपा और कांग्रेस दोनों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा: “आज तक अनुसूचित जाति/जनजाति के केवल 5-6 प्रतिशत लोगों को ही लाभ मिला है। बहुसंख्यक अभी भी संबंधित सरकारों की शोषणकारी और दलित विरोधी नीतियों का शिकार हैं।”

उन्होंने घोषणा की कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो अभय चौटाला मुख्यमंत्री होंगे और कहा कि उनके पास दो उपमुख्यमंत्री होंगे जिनमें से एक एससी वर्ग से होगा। उन्होंने कहा कि बीएसपी ने कोई चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं किया क्योंकि वह वादों को हकीकत में बदलने में विश्वास करती है।

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