चालू मानसून सीजन के दौरान शिमला जिले के सेब क्षेत्र में सड़कों को हुए नुकसान के कारण सोलन की फल मंडी में सेब की दैनिक आवक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पिछले लगभग 10 दिनों में दैनिक आवक में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
सोलन स्थित कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 28 अगस्त को राज्य में भारी बारिश के बाद सेब की आवक में भारी कमी आई। शिमला स्थित एपीएमसी के एक अधिकारी, ब्यास देव शर्मा ने बताया, “28 अगस्त को सोलन में 37,000 पेटियाँ पहुँचने के मुकाबले, सितंबर के पहले हफ़्ते में बाज़ार में सेब की दैनिक आवक 50 प्रतिशत से ज़्यादा घटकर बमुश्किल 13,000 से 15,000 पेटियाँ रह गई।”
मूसलाधार बारिश से संपर्क मार्गों को भारी नुकसान पहुँचा, जिससे सेब की आवक में भारी गिरावट आई, जिससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और नोएडा से आने वाले व्यापारी निराश हो गए। प्रतिदिन 25,000 पेटियों से यह गिरावट घटकर 13,000 पेटियों पर आ गई।
ब्यास देव शर्मा ने बताया, “इन दिनों चौपाल और रोहड़ू के निचले क्षेत्रों से फलों की ढुलाई की जा रही है, तथा निचले किन्नौर से प्रीमियम किस्म के फल जल्द ही आने वाले हैं।”
कोटखाई के एक उत्पादक गोविंद ने कहा, “शिमला में 58 सड़कें, जिनमें से अधिकांश मुख्य सड़कें हैं, अभी भी बहाल नहीं हुई हैं, इसलिए पिक-अप जैसे छोटे वाहनों में भी सेब का परिवहन एक कठिन कार्य बन गया है।”